झारखंड विधानसभा चुनाव प्रचार का सोमवार को अंतिम दिन है, और 20 नवंबर को मतदान के बाद अगले पांच साल के लिए चुनावी शोर थम जाएगा। हालांकि, यह तभी संभव है जब किसी एक गठबंधन को स्पष्ट जनादेश प्राप्त हो। इस बार इंडिया ब्लॉक और एनडीए के नेताओं ने चुनावी प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा जैसे बड़े नेताओं ने एनडीए के लिए प्रचार किया, जबकि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने इंडिया ब्लॉक के पक्ष में समर्थन जुटाया।
राजनीति में नया चेहरा, लेकिन चुनावी मैदान में अनुभवी – कल्पना सोरेन का जलवा
झारखंड में इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व कर रही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के दो बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार में प्रमुख भूमिका निभाई। हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का प्रचार अभियान उल्लेखनीय रहा। जहां हेमंत सोरेन 2009 से चुनावी मैदान में सक्रिय रहे हैं, वहीं कल्पना सोरेन का यह दूसरा चुनावी मौका है। इस साल ही राजनीति में कदम रखने वाली कल्पना ने जल्दी ही इंडिया ब्लॉक की स्टार प्रचारक के रूप में अपनी पहचान बना ली।
कल्पना सोरेन ने बदल दी राजनीति की दिशा, पार्टी की सिपाही बनकर की ऐतिहासिक कामयाबी
कल्पना सोरेन के लिए यह राजनीति में कदम रखने का साल किसी चुनौती से कम नहीं था। जब उनके पति हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया और पार्टी में संकट की स्थिति आई, तब कल्पना ने अपनी मेहनत और राजनीतिक समझ से पार्टी को संभाला। उनकी संघर्षपूर्ण यात्रा का परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव में सामने आया, जब इंडिया ब्लॉक ने 2019 की दो सीटों के मुकाबले पांच सीटें जीतने में सफलता पाई। खुद कल्पना ने विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत की।
दूसरे नेताओं से आगे निकल कर 98 सभाएं करने वाली कल्पना सोरेन का प्रचार अभियान
विधानसभा चुनाव के प्रचार में कल्पना सोरेन ने जबरदस्त मेहनत की। जहां हेमंत सोरेन ने 92 सभाएं कीं, वहीं कल्पना ने 98 चुनावी सभाओं को संबोधित कर एक नया रिकॉर्ड बनाया। यह आंकड़ा एनडीए के नेताओं से कहीं आगे है। भाजपा के सह चुनाव प्रभारी हिमंता विश्व सरमा ने 53 सभाएं कीं, जबकि चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने 48 सभाओं में भाग लिया। पीएम मोदी और राहुल गांधी ने छह-छह सभाएं ही कीं। इस मामले में कल्पना सोरेन ने सभी को पीछे छोड़ते हुए अपनी कड़ी मेहनत से चुनाव प्रचार में नई मिसाल कायम की है।
कल्पना सोरेन की मेहनत पर छाए नतीजे: क्या इंडिया ब्लॉक फिर से बनेगा सरकार?
अगर इस बार भी चुनाव के नतीजे 2019 की तरह इंडिया ब्लॉक के पक्ष में आए, तो इसके पीछे कल्पना सोरेन की कड़ी मेहनत और नेतृत्व का महत्वपूर्ण योगदान होगा। वहीं, अगर एनडीए को जीत मिली, तो हिमंता विश्व सरमा का नाम प्रचार की सफलता में सबसे ऊपर होगा