झारखंड विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव के मद्देनजर सोमवार को चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंच जाएगा, क्योंकि शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार की गतिविधियाँ समाप्त हो जाएंगी। इस अंतिम दिन को लेकर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा, झामुमो, कांग्रेस और राजद सहित अन्य पार्टियों के नेताओं का जमावड़ा देखने को मिलेगा। खासकर राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय नेताओं की मौजूदगी से पूरे राज्य में चुनावी माहौल गरम रहेगा।
अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की सात बड़ी सभाएं
सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में कुल सात चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। अमित शाह सरायकेला, सिमडेगा और तमाड़ में भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे। वहीं, योगी आदित्यनाथ गढ़वा, पलामू और डालटनगंज में जनसभा करेंगे। उनके संबोधन से भाजपा समर्थकों में जोश और उत्साह का माहौल बना रहेगा।
मिथुन चक्रवर्ती का रोड शो और जनसभा
इस दिन भाजपा नेता और बंगाली अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती भी अपनी लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए राज्य के कई क्षेत्रों में प्रचार करेंगे। वह 11 नवंबर को बहरागोड़ा और घाटशिला में जनसभा करेंगे, इसके बाद पोटका विधानसभा में रोड शो करेंगे। मिथुन चक्रवर्ती के प्रचार से भाजपा को उम्मीद है कि उनका स्टार पावर वोटों में बदलाव लाएगा।
मल्लिकार्जुन खरगे की चुनावी सभाएं और रांची में बैठक
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी सोमवार को झारखंड में चुनावी प्रचार के लिए पहुंचेंगे। वह छत्तरपुर और पांकी में कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा करेंगे। इसके बाद रांची लौटकर पार्टी नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। खरगे का यह दौरा कांग्रेस की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है, जो पार्टी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने का काम करेगा।
हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन का प्रचार अभियान
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी सोमवार को कई चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री सोरेन हुसैनाबाद, सरायकेला, ईचागढ़ और सिल्ली में जनसभा करेंगे, वहीं कल्पना सोरेन बहरागोड़ा, घाटशिला, जगन्नाथपुर, लातेहार और तोरपा में चुनावी सभाएं करेंगी। दोनों नेताओं की सभाओं से झामुमो को अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने की उम्मीद है।
राजनीतिक महाकुंभ का होगा असर
सोमवार को होनेवाली इन चुनावी सभाओं और प्रचार अभियानों का राज्य की राजनीति पर गहरा असर पड़ने की संभावना है। तमाम प्रमुख नेताओं की रैलियों से चुनावी पारा चढ़ेगा और मतदाता वर्ग पर इनकी नीतियां और वादे असर डालेंगे। इस अंतिम दिन को देखते हुए सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुटी हैं, ताकि वे मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर सकें