पटना।
सत्तारूढ़ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालते ही ललन सिंह पार्टी संगठन को मजबूत बनाने की कवायद में जुट गए हैं। दूसरे दल के नेताओं को जदयू में शामिल कराने की रणनीति बनाई गई है। इसके तहत उन्होंने सबसे पहले लोजपा नेता भगवान सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल भी कराया है। रविवार की सुबह ललन सिंह ने जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात कर बंद कमरों में घंटों वार्तालाप किया। इस संबंध में पूछे जाने पर उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि यह औपचारिक मुलाकात थी, हम लोगों के बीच पार्टी और संगठन को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई है। 2010 के चुनाव परिणाम को दोहराना हमारा लक्ष्य है। इससे पहले ललन सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि वे पहाड़ भी गिरा सकते हैं। भाजपा साथ दी तो ठीक वरना अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे। उनका यह वक्तव्य को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब यह देखना अहम होगा कि ललन सिंह के नेतृत्व में राजग एकजुट रहती है या फिर टूट जाती है। मालूम हो कि जदयू बिहार में अपनी जड़ें मजबूत बनाना चाहती है, ताकि चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री को अपने सहयोगियों से ताना न सुनना पड़े।
