रांची। नालंदा चतरा जिले में भाकपा माओवादी और सुरक्षाबलों के बीच 18 सितंबर काे हुई मुठभेड़ में घायल सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार की बुधवार की रात इलाज के दौरान मौत हो गयी। सीआरपीएफ 190 वीं बटालियन के जवान का इलाज रांची के मेडिका अस्पताल में चल रहा था। मृतक जवान बिहार के नालंदा जिले के राजगीर के चकपर गांव के रहने वाले थे
घटना की सूचना मिलते ही सीआरपीएफ के अधिकारी गुरुवार को मेडिका अस्पताल पहुंचे और वहां से जवान का पार्थिव शरीर को रिम्स में पोस्टमार्टम के बाद सीआरपीएफ कैंप में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। जहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री एक ही गाड़ी में बैठकर सीआरपीएफ कैंप पहुंचे और शहीद चितरंजन कुमार को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान राज्य के डीजीपी नीरज सिन्हा सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद रहे। श्रद्धांजलि के बाद शव को पैतृक आवास बिहार के नालंदा भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है कि चतरा जिले के प्रतापपुर-कुंदा थाना क्षेत्र के सिकिद बलही जंगल में 18 सितम्बर को पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़ हुई थी। यह मुठभेड़ भाकपा माओवादी संगठन के रीजनल कमिटी सदस्य अरविंद भुइयां और सब जोनल कमांडर मनोहर गंझू दस्ते के साथ हुई थी। मुठभेड़ में सीआरपीएफ का जवान घायल हो गया था। उसे हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया था।
शहीद की पत्नी ने दिया पार्थिव शरीर को कांधा
शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही हेलीकॉप्टर से पैतृक गांव राजगीर पहुंचा, सभी की आंखें नम हो गई। लोग शहीद जवान अमर रहे के नारे लगा रहे थें। हेलीकॉप्टर से पार्थिव शरीर को बाहर निकाले जाने के बाद शहीद की पत्नी जूही कुमारी ने भारी मन से कांधा दिया। उनकी आंखों में आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं शहीद जवान के बच्चें काव्य और जुही इस माहौल से अंजान हो गुम शुम बैठें रहें।
1 महीने पहले ही शहीद जवान चितरंजन कुमार अपनी दूसरी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ में समाप्त कर वापस झारखंड गए थे। जहां नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। शहीद जवान का अंतिम संस्कार राजगीर में किया जाएगा। इसके पूर्व उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी गई। इस मौके पर सीआरपीएफ के वरीय अधिकारी सहित नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार,राजगीर विधायक कौशल कुमार एवं जिला पुलिस प्रशासन मौजूद रहीं।