. समारोह में उत्कृष्ट विधायक, उत्कृष्ट विधानसभा कर्मी, शहीद सैनिकों, पुलिसकर्मियों, शौर्य चक्र से सम्मानित सैन्य अधिकारियों, खिलाड़ियों और मैट्रिक- इंटर में सर्वोच्च स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को मिला सम्मान

. विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो द्वारा लिखित पुस्तक”संसदीय दायित्व के तीन वर्ष” और विधानसभा की त्रिमासिक पत्रिका “उड़ान” का हुआ लोकार्पण
.सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलजुल कर कार्य करने की जरूरत, ताकि राज्य को और बेहतर और मजबूत बना सके- हेमंत सोरेन
. बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक के रूप में भाकपा माले के विधायक श्री विनोद कुमार सिंह सम्मानित गए-
रांची। झारखंड विधान सभा कि आज 22 वीं वर्षगांठ है। इस अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह का राज्यपाल रमेश बैस ने शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में उत्कृष्ट विधायक, उत्कृष्ट विधानसभा कर्मी, शहीद सैनिकों और पुलिसकर्मियों के साथ शौर्य चक्र से सम्मानित सैन्य अधिकारियों, खिलाड़ियों और मैट्रिक- इंटर में सर्वोच्च स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
जनप्रतिनिधि विधानसभा की प्रतिष्ठा-मर्यादा को और उच्च करने में योगदान दें
राज्यपाल ने झारखंड विधानसभा के स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की मर्यादा और विश्वास को अक्षुण्ण रखना सभी जनप्रतिनिधियों का दायित्व है । आप सभी जनप्रतिनिधि विधानसभा की प्रतिष्ठा और मर्यादा को और उच्च करने में योगदान दें । राजपाल ने कहा कि जनता के भरोसे पर खरा उतरने के दायित्व के प्रति जनप्रतिनिधियों को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए झारखंड विधानसभा का नाम देश की आदत विधानसभाओं में हो, इसके लिए प्रत्येक सदस्य को अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी ।सभी सदस्य दलगत भावना से ऊपर उठकर कार्य करें।
विधानसभा ने जिन संसदीय परंपराओं का निर्वहन किया है, उसे राष्ट्रीय पटल पर पहचान मिली
विधानसभा अध्यक्ष श्री रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में झारखंड विधानसभा ने जिन संसदीय परंपराओं का निर्वहन किया है, उसे राष्ट्रीय पटल पर भी पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जिस झारखंड के नवनिर्माण का सपना देखा था, उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, यह संकल्प लें।
जितनी सत्तापक्ष की भूमिका अहम, उतनी ही विपक्ष की भी
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा राज्य की सर्वोच्च पंचायत है । यहां सभी सदस्यों की एक समान मान्यता है। जितनी सत्ता पक्ष की भूमिका अहम है, उतनी ही विपक्ष की। दोनों के सहयोग से ही राज्य को नई दिशा मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य और अलग विधानसभा गठन के बाद पिछले 22 सालों में राज्य और राज्य की जनता के लिए हमने क्या किया और आगे क्या किया जाना चाहिए, इस पर मंथन करने की जरूरत है। सभी को मिलजुल कर कार्य करने की जरूरत है, ताकि राज्य को और बेहतर और मजबूत बना सके ।
आदिवासियों, दलितों पिछड़ों और अन्य कमजोर-वंचित वर्गों को मजबूत करने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी यहां के आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा और कमजोर वर्ग अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमारी जिम्मेवारी बनती है कि इनके प्रति पूरी संवेदना के साथ कार्य करते हुए उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास करें। इन सभी के कल्याण से ही राज्य का सम्यक विकास और खुशहाली संभव है ।
कई जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारे हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग 80 आबादी ग्रामीण परिवेश से आती है। इन वर्गों का सशक्तिकरण करने की दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है। इस सिलसिले में कई जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम सरकार कर रही है। वंचित और कमजोर वर्गों को इन योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इसमें कार्यपालिका के साथ विधायिका को भी पूरी सक्रियता के साथ अपनी भागीदारी निभानी होगी।