पटना। हाई कोर्ट ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमो के निवेशको के जमा पैसे के भुगतान के लिए दो हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को 11 मई को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने पिछले तिथि को यह जानकारी मांगी थी कि निवेशको का पूरा पैसा कब और किस तरह भुगतान होगा। कोर्ट ने सहारा के अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह को कहा है कि जिन निवेशको का पैसा मैच्योर हो गया है, उनका भुगतान किया जाए।
सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में लोगों ने पैसा लगाया था लेकिन भुगतान आज तक नहीं हुआ। हाई कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान सहारा का पक्ष रखने वाले वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने कोर्ट को बताया कि सहारा ने ग्राहकों को पैसा लौटाने के लिए कई विकल्प तैयार किए हैं लेकिन कोर्ट उनकी की दलीलों को नामंजूर करते हुए उक्त आदेश दिया। इससे पहले कोर्ट ने कहा था यदि आगामी 27 अप्रैल तक सहारा कंपनी द्वारा स्पष्ट रूप से कोर्ट को इस बात की जानकारी नहीं दी जाती है, तो हाईकोर्ट इस मामले में उचित आदेश पारित करेगा, ताकि निवेशकों का पैसा उन्हें लौटाया जा सके। अगली सुनवाई 11 मई को होगी। अपने पैसों को लेकर करीब दो हजार से अधिक लोगों ने याचिका दायर की।
कोर्ट ने कहा कि बिहार एक गरीब राज्य है। यहां की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जो उन्होंने सहारा कंपनी की विभिन्न स्कीमों में जमा करवा रखा गया है, का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यह बहुत ही गलत है। सहारा को हर हाल में निवेशकों के पैसों का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि 11 मई तक सहारा प्रमुख सुब्रत राय को कोर्ट में पेश होना होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सहारा इंडिया से निवेशकों के भुगतान के समय तय करने पर सहारा के अधिवक्ता ने कहा था कि सेबी के यहां उसका, जो पैसा जमा है, उसमें से अगर सेवी एक हजार करोड़ रुपया भी उन्हें दे देती है तो वह बिहार के निवेशकों का पूरा पैसा लौटा देंगे। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सेबी से सहारा की दो कंपनियों के पैसे को छोड़कर बाकी पैसा सहारा को लौटाने को कहा था लेकिन सेबी ऐसा नही कर रहा है। उन्होंने कोर्ट को बताया था की सहारा इंडिया के दो स्कीम सहारा हाउसिंग और सहारा रियल स्टेट में जमा किए गए पैसों को भुगतान करने के लिए अभी तक सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश नही है।