रांची।
झारखंड हाईकोर्ट ने गुरूवार को सुनवाई करते हुए सेवा सदन सहित अपर बाजार के अन्य भवनो को तोड़े जाने से संबंधित नोटिस पर रोक लगा दी है। साथ ही रांची एसएसपी को अपर बाजार में पार्किंग व नो पार्किंग जोन बनाकर यातायात व्यवस्था सुगम बनाने का निर्देश दिया है। नोटिस पर रोक तब तक लगाई गई है जब तक उचित फोरम में अपील की व्यवस्था नहीं हो जाती । जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि नगर निगम कानून सम्मत कार्रवाई करे, लेकिन घर तोड़ने की परिस्थिति आ रही है तो तथ्यो की गहनता से जांच करे। इसमें नैसर्गिक न्याय का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। वहीं अदालत ने राज्य सरकार को एक सप्ताह में अपीलीय प्राधिकार में रिक्त पदो पर नियुक्ति करने का निर्देश दिया।
चैंबर की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल सिन्हा ने पक्ष रखते हुए कहा कि नगर निगम की कार्रवाई नियमो के खिलाफ की जा रही है। निगम हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर भवनो और घरो को तोड़ने का नोटिस दे रहा है। इस पर नाराजगी जताते हुए खंडपीठ ने नगर निगम के अधिवक्ता एलसीए शाहदेव से पूछा कि क्या हमने भवन तोड़ने का आदेश दिया है। निगम को हाईकोर्ट के आदेश की वैशाखी की जरूरत क्यों पड़ रही है। जबकि नगर विभाग के सचिव ने आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। जबकि एसएसपी ने कोर्ट को बताया कि ट्रैफिक कंट्रोल के लिए कार्य हो रहे है। अदालत ने यह भी कहा कि रोड पार्किंग के लिए नहीं है। गाड़ियो के आवागमन के लिए है। कोर्ट ने चैंबर से भी सदस्यो और उनकी गाडियो की संख्या के बारे में जानकारी मांगी है।