रांची। बकाया वेतन की मांग को लेकर एचईसी कर्मियों की हड़ताल शनिवार को 9वें दिन भी जारी रहा। कामगार नारेबाजी करते हुए प्लांटों में पहुंचे। एचईसी के तीनों प्लांटों में आज भी उत्पादन ठप रहा। नारेबाजी के बीच एचईसी के उत्पादन निदेशक पहुंचे और कामगारों से बात की। उन्होंने कामगारों से कहा कि कई मशीनों का डिस्पैच होना है जिससे पैसे आएंगे । वेतन भुगतान का प्रयास हो रहा है, ऐसे में उत्पादन शुरू करना चाहिए पर कामगार नहीं माने।
मालूम हो कि वेतन मद में कर्मियों का ₹45 करोड़ बकाया है। जबकि कामगारों के हड़ताल से 107 करोड़ का कार्यादेश प्रभावित हो रहा है। रक्षा, इसरो, रेलवे, स्टील प्लांट, माइनिंग सेक्टर सहित कई कंपनियों के महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण लटक गया है। हड़ताल से आर्थिक नुकसान भी पहुंच रहा है। प्रबंधन के अनुसार हड़ताल के कारण महत्वपूर्ण उपकरणों का डिस्पैच बंद है। एफएफपी प्लांट का फर्नेश ठंडा होने लगा है। गैस प्लांट से पूरे दिन उत्पादन नहीं हो रहा है।
फर्नेश को दोबारा चालू करने में चार-पांच लाख रुपये का खर्च फ्यूल मद में होगा। हड़ताल के कारण वैसी मशीनों को भी बंद किया जा रहा है जिसे चालू रखना अनिवार्य माना जाता है। मालूम हो कि एचईसी के एफएफपी प्लांट में 78 करोड़ का फोर्जिंग वर्क लटका है । इसमें जेएसपीएल, बीएसएल, आकांक्षा, राउरकेला स्टील प्लांट, विलासपुर स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट और भेल सहित कई कंपनियों के उपकरणों का फोर्जिंग वर्क पूरी तरह से बंद हो गया है।
निगम के करीब 1100 स्थाई और 1700 अस्थाई, सप्लाई कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है। वरीय अफसर सहित मुख्यालय, मेडिकल आदि विंग में पोस्टेड करीब 230 कर्मी स्ट्राइक में सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं। तीनों प्लांट के कर्मचारियों का कहना है कि अब कर्मी आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। जब तक बकाए वेतन का भुगतान नहीं होता, तब तक कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौटेंगे।एचईसी प्रबंधन ने आपात स्थिति में भारी उद्योग मंत्रालय से बकाया वेतन भुगतान के लिए 50 करोड़ रुपये देने का आग्रह किया था, जिसे मंत्रालय ने ठुकरा दिया है।