Gumla: पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता भारत-नेपाल में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली दिव्यांग असुंता टोप्पो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण 27 से 31 जुलाई तक मलेशिया में होने वाले पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में चयन के बाद भी जाने में असमर्थ है। उसने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं गुमला उपायुक्त सुशांत गौरव से मदद की गुहार लगाई है। नेपाल खेलने जाने के लिए असुंता ने कई सरकारी दरवाजे खटखटाए लेकिन कहीं से मदद की कोई उम्मीद नजर नहीं आई। इसके बाद असुंता ने दोस्तों व रिश्तेदारों से मदद लेकर भारत के लिए खेलने नेपाल गई और देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लौटी।
असुंता टोप्पो ने कहा कि उसका चयन मलेशिया में हो रहे पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता खेलने के लिए हुआ है लेकिन रजिस्ट्रेशन कराने में 66 हजार रुपये का खर्च आ रहा है। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होने के कारण वह रजिस्ट्रेशन कराने में असमर्थ है। असुंता बताती है कि रजिस्ट्रेशन चार्ज देखने के बाद उसने अपनी खेल के प्रति जुनून को अपने अंदर ही दबा दिया। उसने बताया कि सरकार की ओर से खेलने के लिए फंड नहीं मिलता है। जितने भी खिलाड़ी खेलने जाते हैं, उन्हें अपना पैसा खर्च करना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि असुंता टोप्पो एक पैर से विकलांग है। माता-पिता की मौत के बाद उसे काफी आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ रही है। विकलांग पेंशन में मिलने वाले 1000 रुपये एवं बड़ी बहनों के आर्थिक सहयोग के सहारे ही असुंता ने पीजी तक की पढ़ाई पूरी की। असुंता को खेल के प्रति जुनून बचपन से ही था। हर बाधा को पार करते हुए उसने काबिलियत और मेहनत के बलबूते पैरा थ्रो बॉल इंडिया टीम में जगह बनाई। इसके बाद 19 से 21 फरवरी को हुए भारत- नेपाल प्रतियोगिता में उसका चयन हुआ।