Patna: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई और प्रताड़ना मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर इस मामले की जमीनी सच्चाई जानने के लिए बिहार से चार सदस्यीय एक टीम चेन्नई आज रवाना हो गई है। दल के सदस्य तमिलनाडु में हिंसा प्रभावित जिलों में जाकर बिहारी मजदूरों से मुलाकात करेंगे। ये अधिकारी स्थानीय प्रशासन के साथ राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे और बिहारी समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहेंगे। तमिलनाडु हिंसा मामले की जांच करने वाले अधिकारियों में श्रम विभाग के विशेष सचिव आलोक कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बाला मुरांडी, सीआईडी के आईजी पी कन्नन तथा चौथे अधिकारी पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी हैं।
दूसरी ओर कोयंबटूर जिला प्रशासन ने इस मामले में शनिवार को सरकारी जानकारी साझा करते हुए इस पूरे घटनाक्रम को गलत और अफवाह बताया है। प्रशासन की विज्ञप्ति में कहा गया है कि किसी भी समय जरूरत पड़ने पर प्रवासी मजदूर हेल्पलाइन नंबर 04222300970, 9498181213, 8190000100, 9498181212, 7708100100 पर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही कोयंबटूर जिला प्रशासन के राजस्व अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जिसे ‘प्रवासी श्रमिकों की कमियों को हल करने की समिति’ का नाम दिया गया है।
इस पत्र में कहा गया है कि इस माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करके उसका निराकरण किया जा रहा है। साथ ही पुलिस विभाग द्वारा कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में उचित कार्रवाई की जा रही है। कहा गया है कि बाहरी राज्य के श्रमिकों को उनके कार्यस्थल पर उनके सुरक्षा का कोई खतरा या कोई समस्या है तो तुरंत कोयम्बटूर जिला कलेक्टर के कार्यालय में आपदा प्रबंधन विभाग के टोल फ्री नंबर 1077 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई और हत्या की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें बताया गया है कि हिन्दी बोलने वाले मजदूरों पर धारदार हथियारों से हमला कर दो लोगों को मार डाला गया। इसके बाद से बड़ी संख्या में बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों के मजदूर काम छोड़कर घर लौट रहे हैं।