पटना। इंटरनेशनल टाइगर डे पर पटना चिडियां घर को यादगार बनाने के लिए शुक्रवार काे बाघिन संगीता के 4 शावको का नामांकरण किया गया। नन्हे शावको के नाम रानी, मगध, केसरी और विक्रम रखा गया है। इस दौरान चारो शावक अपनी मां के साथ मस्ती करते रहे। जू में इनका खास ख्याल रखा जा रहा है। चारो का जन्म 2 महीना पहले 25 मई को हुआ है। इनके जन्म के बाद जून में बाघ और बाघिन की संख्या 5 से बढ़कर 9 हो गई। जू के अधिकारी ने बताया चारों शावक स्वस्थ है। इसका पूरा श्रेय उनकी मां को जाता है। बाघिन (संगीता) चारों बच्चों का बराबर रूप से ख्याल रखती है। चारों शावक को भरपेट दूध पिलाती है। इसी कारण से चारों शावक स्वस्थ है।
वेटरनरी डॉक्टर ने बताया कि मां का बहुत विशेष ख्याल रखा गया है। उसे चिकन सूप में विटामिन या प्रोटीन मिला कर दिया जाता। प्रसव के बाद की प्रारंभिक अवधि मे मां का दूध अच्छे से हो उसका ख्याल रखा जाता। अब विटामिन चिकन सूप के साथ बोनलेस बीफ भी हर रोज दिया जाता। ताकि डिहाइड्रेशन ना हो उसके कमरे में हर वक्त भोजन हो इसका भी ख्याल रखा जाता। चारों शावक में दो सफेद और दो बाघ सामान रंग का हैं। चार शावक स्वस्थ हैं और बेहद चंचल है। शावक मूल रूप से (80_90 प्रतिशत) मां के दूध पर निर्भर रहते हैं। वैसे शावकों के दांत चीजों को नोचना शुरु कर दिए हैं पर फिर भी उन्हें भी नहीं दिया जा सकता क्योंकि वह उन्हें पचा नहीं सकेंगे इसलिए उन्हें छोटे-छोटे की चिकन का कीमा बना कर देते है।
चारों शावक मां के साथ ही ज्यादा रहते है। उनके लिए बगीचा में खोल दिया जाता है। और लकड़ियां रख दी जाती है ताकि वह खेल सके। बच्चों और मां को हर वक्त सीसीटीवी कैमरा के निगरानी में रखा जाता है। और कैमरा के द्वारा उनके हर क्रियाकलाप पर नजर रखा जाता है।