समस्तीपुर।
व्यवहार न्यायालय के एडीजे तृतीय की अदालत ने शुक्रवार को सीपीएम नेता ललन सिंह पर कातिलाना हमला करने के मामले में जदयू के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वादी के वकील ने बताया कि वर्ष 2000 में सीपीएम नेता ललन सिंह पर कातिलाना हमला किया गया था जिसमें वे जख्मी हो गए थे। हमले में सीपीएम नेता के हाथ की चार उंगलियां उड़ गई थी। जिसके बाद ललन सिंह ने उनके खिलाफ मुकदमा किया था। उन्होंने बताया कि न्यायालय में 21 वर्षों बाद न्याय मिला है। जबकि बचाव पक्ष के वकील कर्मवीर कुमार ने बताया कि कोर्ट ने दोनों को आर्म्स एक्ट में दोषी पाया है। इसके खिलाफ हम अपील दायर करेंगे। दोनों की अधिकतम 7 साल और कम से कम 3 साल की सजा हो सकती है।
वहीं पूर्व विधायक ने कहा कि हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। जानकारी अनुसार विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर में 4 जून 2000 की रात सीपीएम नेता एक शादी समारोह में गए थे। वहां पूर्व विधायक और उनके भाई भी पहुंचे थे। दोनों में पहले से ही अदावत थी। सीपीएम नेता पर नजर पड़ते ही पूर्व विधायक और उसके भाई उसे पकड़ने के लिए दौड़े पर वह बाहर निकल गए। फिर दोनों भाई सीपीएम नेता को पकड़ने बाहर आए और इस दौरान पूर्व विधायक के भाई ने गोली चला दी। इसको लेकर सीपीएम नेता ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।