नई दिल्ली।
गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर होने वाले मार्च पास्ट में इस बार विदेशी सैनिक के रूप में बांग्लादेशी सैनिक हथियारों के साथ शामिल होंगे। यह दूसरा मौका होगा जब राजपथ पर कोई विदेशी सेना गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनेगी। इसके पहले 2016 में पहली बार फ्रांसीसी सेना ने राजपथ पर मार्च किया था। इसमें वहां की 130 सैनिकों की टुकड़ी ने भाग लिया था। उस समय तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में मौजूद थे। बांग्लादेश की स्वर्ण जयंती पर भारत ने गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेशी दल को आमंत्रित किया है। परेड में बांग्लादेश के 96 सैनिक हथियारों के साथ शामिल होंगे।
कोविड-19 महामारी के कारण छोटी होगी परेड
कोविड-19 महामारी के कारण इस बार का गणतंत्र दिवस परेड छोटी होगी। दर्शकों की सामान्य संख्या का केवल एक चौथाई हिस्सा इसमें शामिल होगा। इस बार सिर्फ 25 हजार ही पास जारी किए जा रहे हैं। वही परेड में स्कूली बच्चों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। दर्शक के रूप में 15 साल से ज्यादा आयु के 100 छात्र और अन्य नागरिक शामिल हो सकेंगे। परेड में शामिल सभी सैनिक दस्ते, पुलिस अर्धसैनिक बल के जवान मास्क लगाए दिखेंगे। साथ ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ साथ सभी देशी- विदेशी मेहमान भी इसका पालन करेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से मार्चिंग दस्ते की बनावट भी इस बार आयताकार की जगह त्रिकोणीय होगी। एक दस्ते में 144 सैनिक के बजाय सिर्फ 96 सैनिक शामिल होंगे। आमतौर पर आयोजित होने वाले परेड में एक दस्ते में 12 पंक्तियां और 12 कॉलम होते थे ,लेकिन इस बार 12 कॉलम में सिर्फ 8 पंक्तियां होंगी।
राजपथ पर 25,000 से अधिक दर्शकों को अनुमति नहीं दी जाएगी
अधिकारियों ने बताया है कि प्रतिवर्ष परेड लाल किले तक जाती थी लेकिन इस बार रास्ता छोटा कर राष्ट्रीय स्टेडियम तक परेड जाकर समाप्त हो जाएगी। आमतौर पर परेड में 1 लाख लोग हिस्सा लेते थे मगर इस बार कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राजपथ पर 25,000 से अधिक दर्शकों को अनुमति नहीं दी जाएगी। पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह को भी कोरोना के कारण काफी हद तक सीमित कर दिया गया था।