चतरा।
सूबे के किसान जहां एक ओर अपने धान की फसल को कटाई कर अब बेचने की तैयारी कर रहे है।वहीं चतरा जिले के एक गांव के किसान भूत के भय से अपने खेतों में लगी धान की कटाई नहीं कर रहे हैं।चतरा जिला मुख्यालय से करीब 27 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव है पितीज।यहां के किसान भूत के भय से अपने खेतों में लगी धान की कटाई नहीं कर रहे हैं। धन कटनी का समय बितता जा रहा है, पर खेतों में धान की फसल सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। इस गांव में फैले अंधविश्वास के कारण किसानों के लाखों के फसल बर्बाद होने के कगार पर है। किसान परिवार को अंधविश्वास और डर के साये से निकालने की कोई पहल भी सरकारी स्तर पर नहीं हो पाई है।
दरअसल गांव के किसान परिवार पाहन पुजारी को गांव का मालिक मानते हैं। किसान परिवार की मान्यता रही है कि धान रोपने और उसकी कटाई के पूर्व पाहन पुजारी की पूजा आवश्यक है। मान्यता है कि ऐसी पूजा पद्धति नहीं अपनाए जाने पर धान की कटाई से गांव का भूत उनका कुछ ना कुछ बुरा जरूर करेगा। फिलहाल गांव में ग्राम देवता की पूजा नहीं हो सकी है, जिससे धान की कटाई शुरू नहीं हो सकी है।
ग्रामीण संजय यादव ने बताया कि गांव के लोग मालिक पूजा नहीं करता .है तो अनिष्ट की आशंका बनी रहती है। उन्होंने बताया कि एक बार तो इसी कारण से गांव में धान की खेती नहीं हो सकी थी। ग्रामीण खेमलाल यादव ने बताया कि अनहोनी के खौफ से लोगों ने खेतों में धान छोड़ दिए गए हैं। जबकि ग्रामीण प्रकाश ने बताया कि अनिष्ट होने की संभावना के कारण संकट नहीं हो रही है। मालूम हो कि चतरा जिला के गांव में इस तरह का अंधविश्वास कोई नई बात नहीं है, इसके पूर्व भी कई गांव में या नजारा देखा गया है।बहरहाल आधुनिक युग में जी रहे ग्रामीण अंधविश्वास में जकड़े हैं, पर उन्हें इससे बाहर निकालने की पहल नहीं हो पा रही है