पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की टीम तीन दिवसीय दौरे पर बुधवार को पटना पहुंची। टीम में आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के अलावा चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और राजीव कुमार शामिल हैं। आयोग की टीम ने मौके पर राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा आयोग को चुनाव को लेकर कई तरह के सुझाव दिए गए। मौके पर जदयू ने चुनावी सभा के दौरान ज्यादा भीड़ होने पर संशय जताया साथ ही पार्टी की ओर से 80 साल से ज्यादा बुजुर्गों को बैलट पेपर से चुनाव के लिए 3 दिन पहले घर जाकर इसे भरवाने की मांग की। वहीं रालोसपा की ओर से आयोग को बूथों पर कमजोर वर्ग के वोटरों को सुरक्षा देने की मांग रखी गई। बैठक में भाजपा की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने का सुझाव दिया गया ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों का वोट धनबल से प्रभावित नहीं हो। पार्टी की ओर से चुनाव के पहले इन इलाकों में नाव के परिचालन पर रोक लगाने की मांग रखी गई।
वही राजद की ओर से चुनाव आयोग के समक्ष इस बात की शिकायत रखी गई कि सत्ताधारी दल के कई नेताओं का राज्य के अधिकारियों से व्यक्तिगत संबंध होने को लेकर वैसे अधिकारियों पर पैनी नजर रखी जाए। साथ ही पार्टी की ओर से कोरोना संक्रमण को देखते हुए मतदाताओं का बीमा कराए जाने की भी मांग रखी गई। वहीं तीसरे मोर्चे के संयोजक पप्पू यादव ने राज सरकार पर चुनाव आयोग से बहुत सारी बातें छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य के 16 जिलों के 2000 बूथों पर पानी है। ऐसे में वोटरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसके पहले तीन दिवसीय दौरे पर पटना पहुंची आयोग की टीम ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास और पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया। अपने दौरे के दौरान 1 अक्टूबर को आयोग की टीम गया में 12 जिलों के डीएम और एसपी के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद आयोग की टीम पटना में मुख्य सचिव व डीजीपी के अलावा पुलिस के आला अधिकारियों के साथ भी बैठक कर चुनाव की रणनीति तय करेगी।