रांची। सायक्लोपीडिया ग्रुप रांची के सभी आठ सदस्य साईकल अभियान के तहत लगभग 800 किलोमीटर की दूरी तय कर हवाई मार्ग से आज वापस रांची पहुंचे। बैंकॉक से फुकेत तक की साईकल यात्रा के लिए रांची से रवाना हुए सायक्लोपीडिया ग्रुप रांची के आठ साइकिल सवारों ने पहले दिन हुआ हिन से प्राचुअप खीरी खान 130 किमी, दूसरे दिन प्राचुअप खीरी खान से बंग सफन 105 किमी, तीसरे दिन बंग सफ़न से चुम्फॉन 110 कि.मी, चौथे दिन चुम्फॉन से पाक नाम तको 85 किमी, पांचवे दिन पाक नाम ताको से बान ट्रांग – 75 किमी, छठे दिन बान त्रांग से कापो 65 कि.मी,सातवें दिन कपोई से सी फांग नगा राष्ट्रीय उद्यान 105 कि.मी तथा आठवें एवं अंतिम दिन सी फांग नगा राष्ट्रीय उद्यान से एओ फांग नगा राष्ट्रीय उद्यान (फुकेत) 110 किमी साईकल चलाकर इस अभियान को पूरा किया।
इससे पहले बैंकॉक में थाईलैंड टूरिज्म ऑथोरिटी द्वारा ग्रुप के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और थाईलैंड टूरिज्म ऑथोरिटी के डायरेक्टर अर्चावन कोंगकनंत ने झंडी दिखाकर अभियान की शुरूआत की और रवाना करते हुए सभी सदस्यों को सफल यात्रा की शुभकामनाएं दी। इस ग्रुप में कनिष्क पोद्दार,गौतम कुमार,चंद्रशेखर किंगर,गौतम चौधरी,सौरव माहेश्वरी,अनिल अग्रवाल,आशीष कुमार एवं विकास सिन्हा शामिल थे।
ग्रुप के चंद्रशेखर किंगर ने बताया कि सफर निश्चित रूप से परेशानी भरा था लेकिन सभी ने चुनौती ली और अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया। सवारी के दौरान साइकिल चालकों को कोई बड़ी चोट या समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। यात्रा के दौरान हमारे प्रति मोटर वाहन चालकों के सम्मान का स्तर भी अविश्वसनीय था। हमारी साइकिलिंग के दौरान उन्होंने हॉर्न नहीं बजायाऔर तब तक हमें ओवरटेक भी नहीं किया जब तक उनके पास इसके लिए पर्याप्त जगह नहीं हुई। रास्ते में आने वाले गांव भर के लोगों, छोटे रेस्तरां मालिकों,स्थानीय साइकिल चालकों और कई लोगों ने हमारा स्वागत किया। हम उनके समर्थन के लिए आभारी हैं। हमारे देश में भी साइकिल चालकों को साइकिल पर्यटन अपनाने की ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि साइकिल चलाना शारीरिक फिटनेस के साथ साथ सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन और वैश्विक ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करता है।
बहावलपुरी पंजाबी समाज के संरक्षक डॉ सतीश मिढ़ा,अध्यक्ष ललित किंगर,सचिव अश्विनी सुखीजा, मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा तथा बहावलपुरी पंजाबी समाज महिला समिति की अध्यक्ष रवि नागपाल एवं सचिव मनीषा मिढ़ा ने इस अभियान में शामिल हुए समाज के 52 वर्षीय चंद्रशेखर किंगर की सराहना करते हुए उनके जज्बे की तारीफ की एवं उन्हें युवाओं के साथ साथ उनकी उम्र के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बताया तथा अभियान की सफलता की बधाई दी।इस आशय की जानकारी मीडिया प्रभारी नरेश प्राकृतिक ने आज यहां दी।