भागलपुर। बाढ़ के कारण इंसान ही नहीं पक्षी भी अपना बसेरा बदल रहे हैं। पानी पर निर्भर रहने वाले पक्षी नदी से दूर मानवीय बस्ती के बीच अब अपना डेरा जमा लिया है। शहर के व्यस्तम इलाके मुंदीचक मुहल्ले के कई पेड़ों पर नाइट हेरोन प्रजाति के सैकड़ों पक्षियों ने अपना घोंसला बनाया है। घोसले से चूजे की ध्वनि से पूरा इलाका गूंजमान हो रहा है।
पक्षी मित्र दीपक कुमार ने बताया कि यहां डेरा जमाए पक्षी को नाइट हेरोन प्रजाति के ब्लैक क्राउड नाइट हिरोन या ब्लैक कैप्ड नाइट हेरोन के नाम से जाना जाता है। सामान्य तौर पर इन पक्षियों का बसेरा नदियों, झीलों, खेतों अथवा अन्य जल स्रोतों के आसपास होता है। इन पंछियों का मुख्य आहार केचुआ, मछली, मेंढक, छोटे सर्प व छोटे पक्षी होते हैं। यह पक्षी शाम या रात के अंधेरे में सक्रिय होते हैं। जैसे ही कोई शिकार जलस्रोतों के किनारे आते हैं ,उसे झपट कर अपना शिकार बना लेते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रजाति के पक्षी किसी पेड़ पर बड़े समूह में बसेरा करते हैं। समूह में ही घोसला भी बनाते हैं। यह सब कुछ सुरक्षा को ध्यान में रख कर किया जाता है। मादा पक्षी एक बार में तीन से पांच अंडे देती है। दीपक कुमार ने बताया कि इस प्रजाति के पक्षी के सिर काले रंग तथा शरीर का बाकी हिस्सा सलेटी सफेद होता है। आंखें लाल व पांव पीले रंग का होता है।
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