रांची। ईडी और बड़हरवा के डी एस पी प्रमोद मिश्रा के बीच नियम कानून और अधिकार की लड़ाई अब और जोर पकड़ लिया है ।मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को 24 घंटे में क्लीनचिट देने वाले डीएसपी प्रमोद मिश्रा ईडी के दूसरे समन के बावजूद भी गुरुवार को ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे। उल्लेखनीय है कि ईडी ने डीएसपी को छह दिसंबर को समन भेजा था और 12 दिसंबर को रांची क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया था लेकिन डीएसपी ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी ने 13 दिसम्बर को समन भेज कर 15 दिसम्बर को रांची क्षेत्रीय कार्यालय उपस्थित होने को कहा था।
झारखंड सरकार ने ईडी को टोल प्लाजा घोटाले में आगे नहीं बढ़ने को कहा
दूसरी ओर, झारखंड सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए अपने पुलिस अधिकारियों को नहीं बुलाने को कहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने ईडी के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है। राज्य के गृह सचिव राजीव अरुण एक्का ने इस संबंध में झारखंड डीजीपी के कार्यालय के माध्यम से ईडी को एक पत्र लिखा है। यह पत्र बरहरवा टोल मामले में साहिबगंज जिले के बरहरवा के पूर्व डीएसपी को ईडी द्वारा तलब किये जाने के मद्देनजर लिखा गया है।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पुलिस अधिकारियों को बुलाने का मुद्दा उसके दायरे से बाहर है
गृह सचिव राजीव अरुण एक्का ने इस संबंध में झारखंड डीजीपी के कार्यालय के माध्यम से ईडी को लिखे पत्र में कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पुलिस अधिकारियों को बुलाने का मुद्दा उसके दायरे से बाहर है। इसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। यह मामला झारखंड और अन्य बनाम प्रवर्तन निदेशालय के रूप में डायरी संख्या के साथ दर्ज किया गया है और बहुत जल्द ही सुनवाई होने की उम्मीद है। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में आगे न बढ़ें और संबंधित अधिकारी को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका के परिणाम का इंतजार करने की सलाह दे।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने यह पत्र ईडी द्वारा प्रमोद कुमार मिश्रा को जांच में सहायता के लिए दूसरा समन भेजे जाने के मद्देनजर किया है। क्योंकि, बरहरवा टोल प्लाजा पर उनसे पूछताछ की आवश्यकता थी।