Patna News: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बुधवार काे बिहार पहुंचकर अति भावुक हाे गये । उन्होंने अपना अगला जन्म बिहार में होने की इच्छा व्यक्त की। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मधुबनी पंचायत के राधानगर पताही चौसीमा में आयोजित विष्णु महायज्ञ में पहुंचे धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बिहार की धरती को नमन किया। साथ ही कहा कि धन्य हैं मुजफ्फरपुरवासी, तुम्हारे धैर्य को प्रणाम। बाला जी की कृपा आप सभी पर अवश्य होगी।

उन्हाेंने भाेजपुरी में बोलते हुए कहा कि बागेश्वर धाम के बाद अगर अगला जन्म लेना हो तो मैं बिहार की धरती पर लेना चाहूंगा। मैं बाला जी से विनती करता हूं कि आप सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हों। अगले वर्ष तीन दिन की कथा और दरबार के साथ फिर आऊंगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे मंगलवार को निर्धारित समय शाम 6 बजे की बजाय रात 10 बजे पहुंचे। इसलिए वह इसे “कर्ज” मानते हैं और जल्द लौटकर इसे चुकाएंगे।
बाबा बागेश्वर ने कार्यक्रम में दरबार सजाया और 12 लोगों को बुलाकर उनकी अर्जी सुनी। उन्होंने कहा कि दरबार तो बस एक बहाना है, असली मकसद है आपको बाला जी और हनुमान जी से जोड़ना। कार्यक्रम में बिहार सहित नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं | मुजफ्फरपुर की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर अद्भुत भूमि है, यहां भोलेनाथ का वास है। मेरी कामना है कि भारत हिंदू राष्ट्र बने।
ऑपरेशन सिंदूर पर बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है और खुले मंच से उन्होंने कहा है की कश्मीर में जिस तरह कट्टरपंथियों ने हमारे 26 टूरिस्टों की धर्म पूछ कर उनकी हत्या कर दी थी जिसके बाद हमारे देश के जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर चला कर पाकिस्तान के 9 आतंकियों ठिकाने को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया वहीं उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि यह 1965 और 1971 का भारत नहीं है यह 2025 का भारत है घर में घुस कर मारेगा
वहीं उन्होंने कहा कि सिंदूर तो सिर्फ झांकी है हल्दी और मेहंदी अभी बाकी है वहीं उन्होंने कहा कि यह तो समझने वाली बात है कि अगर सिंदूर में आतंकियों का यह हाल है तो जब मेहंदी और हल्दी की बारी आएगी तो सामने वालों का क्या हाल होगा वहीं उन्होंने देश के वीर जवानों का भी हौसला अफजाई किया
जातीय जनगणना कराने को लेकर क्रेडिट लेने की होड लगी हुई है तो वहीं अब जातीय जनगणना पर बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दे दिया है और कहा है कि जातीय जनगणना के बदले दो गणना होनी चाहिए कि देश में आमिर कितने हैं और गरीब कितने हैं उन्होने कहा कि सरकार के जाति जनगणना करने के फैसले पर बताया कि यह अच्छी पहल है। अमीर और गरीब की गिनती होनी चाहिए। जब तक समाज का समग्र विकास नहीं होगा, तब तक देश और बिहार का विकास अधूरा रहेगा। कंधे से ऊपर छाती नहीं होती और धर्म से बड़ी कोई जात नहीं होती।