Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन शनिवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू भाजपा और आजसू के विधायकों नियोजन नीति के मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल पूरी तरह से बाधित रहा। स्थिति यह रही कि स्पीकर को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के कारण न तो सदन में एक भी अल्पसूचित, तारांकित और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आये। पहले स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12 बजे दिन तक के लिए स्थगित की थी। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सरकार से नियोजन नीति पर जवाब देने की मांग करने लगे। वे विधानसभा गेट पर नियोजन और स्थानीय नीति की मांगों को लेकर धरने पर बैठ गये। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार राज्य के युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है। मुख्यमंत्री तत्काल पद से इस्तीफा दें।
नियोजन नीति को लेकर उहापोह की स्थिति : लोबिन हेम्ब्रेन
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रेन में अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किया। लोबिन हेंब्रम ने कहा कि राज्य में नियोजन नीति को लेकर उहापोह की स्थिति है। उन्होनें कहा कि इसी सदन से नियोजन नीति पारित हुई थी और अब दो दिन पहले सरकार ने कैबिनेट से नई नियोजन नीति को मंजूरी दी है, जो विधेयक सदन से पारित हो गया उसे बिना वापस लिए फिर से कैबिनेट से पारित कराना नियमसंगत नहीं है। उन्होनें कहा कि सरकार सदन का अवमानना कर रही है। चलते सत्र में सरकार ने 1932 आधारित नियोजन नीति पारित कराई।
सरकार बताए, 1932 पर क्यों बैकफुट पर आई : नीलकंठ सिंह मुंडा
भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी सरकार पर सदन की अवमानना करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसी सदन से सर्वसम्मति से नियोजन नीति पारित हुई है। इस समय 1932 आधारित स्थानीय नीति पारित की गई थी। अभी जो कैबिनेट आए नियोजन नीति आयी है वाज 2016 वाली नीति है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि 1932 पर सरकार क्यों बैकफुट पर आई है। यह झारखंड के लोगों के साथ धोखा है।
पिछले दरवाजे से सरकार ने नई नियोजन नीति को मंजूरी दी है
उन्होंने कहा कि नियोजन नीति पर हाई कोर्ट ने क्या निर्णय दिया है यह सरकार को सदन में बताना चजिये। पिछले दरवाजे से सरकार ने नई नियोजन नीति को मंजूरी दी है। यह सदन का अवमानना है। पहले नियोजन नीति पर चर्चा होनी चाहिए। यह सरकार बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार ऐसे ही 2024 पार करने के चक्कर में है। नियोजन नीति पर फैसला कैबिनेट में लिया गया। क्या सरकार सदन से ऊपर है।
उन्होंने कहा कि अगर नियोजन नीति पर जवाब नहीं मिला, तो विधानसभा में आयोजित होली मिलन में भाजपा शामिल नहीं होगी। इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने वेल में आकर हंगामा शुरू किया। आजसू विधायक सुदेश महतो ने कहा कि स्थानीय और नियोजन नीति राज्य का ज्वलंत मुद्दा रहा है लेकिन नियोजन नीति का प्रस्ताव कैबिनेट में आता है। विधानसभा पर भरोसा नहीं किया गया।
सरकार नियोजन नीति पर 13 मार्च को सदन में जवाब देगी : आलमगीर आलम
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि किस कारण से हाई कोर्ट ने नियोजन नीति को रद्द किया है यह सभी सदस्य जानते हैं। यह सही है कि नियोजन नीति को कैबिनेट से पारित कराया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार 13 मार्च को इस मामले पर सदन में जवाब देगी की किस कारण से नियोजन नीति पारित हुआ और किस कारण से रद्द हुआ। यह गलत है। विपक्ष के लगातार हंगामे को देखते हुए स्पीकर में विधानसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।