पटना।
बिहार के दो जिले गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण के बेतिया में जहरीली शराब पीने से हुई मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। पिछले दो दिनों में यह आंकड़ा बढ़कर 25 हो गई है। इसमें गोपालगंज में 13 और बेतिया में 12 मौतें हुई है। वही 3 की आंखों की रोशनी चली गई है, जबकि कई के बीमार होने की सूचना है। इससे इलाके में हाहाकार है।
बताया जाता है कि बिहार में जारी पंचायत चुनाव को लेकर उम्मीदवारों द्वारा बड़ी मात्रा में शराब परोसे जा रहे हैं। बेतिया में दीपावली के दिन गुरुवार को ही 8 मौतें होने की खबर सामने आई है। घटना को लेकर गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार ने मोहम्मदपुर थाना अध्यक्ष शशि रंजन कुमार व एक चौकीदार को सस्पेंड किया है। पश्चिम चंपारण में भी नौतन थाना अध्यक्ष और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया गया है। गोपालगंज में उत्पाद विभाग और प्रशासन की टीम ने चार धंधेबाजों को गिरफ्तार कर 3 घरों को सील किया है।
हालांकि अब तक इन इलाकों के प्रशासन इन्हें संदिग्ध मौत ही मान रहा है। प्रशासन को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जबकि परिजनों का कहना है कि शराब सेवन के बाद ही मौत हुई है। जानकारी अनुसार पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में नौतन थाना क्षेत्र अंतर्गत तेलहुआ पंचायत में दीपावली की सुबह आठ लोगों की मौत हो गई। जबकि अन्य इलाजरत लोगों में शुक्रवार की सुबह चार लोगों की मौत जीएमसीएच में हो गई है। पुलिस के अनुसार यहां मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
बेतिया में भी शराब की खेप पहुंचाने की जांच हो रही है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो सकेगा। डीएम कुंदन कुमार भी अभी संदिग्ध मौत मान रहे हैं।
जहरीली शराब से बड़ी संख्या में हुई मौत के बाद नीतीश सरकार को निशाने पर लिया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि अधिकांश शव बिना पोस्टमार्टम के ही जलाए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि इन मौतों के जिम्मेवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं है? उधर जदयू ने नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी अप्रवासी बिहारी हैं। उन्हें बिहार की स्थिति की जानकारी नहीं है।