केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में सिपाही भर्ती 2023 की प्रक्रिया 18 से 23 नवंबर तक झारखंड के धुर्वा स्थित सैंबो में आयोजित की जाएगी। ग्रुप केंद्र के डीआइजी पी. कुजूर ने इस भर्ती प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और साथ ही लोगों को चेतावनी दी कि भर्ती के नाम पर कोई भी रुपये मांगने या देने का वादा करने वाला ठग हो सकता है।
सीआरपीएफ भर्ती में कोई भी शुल्क नहीं, धोखाधड़ी से बचने की अपील
डीआइजी पी. कुजूर ने साफ किया कि सीआरपीएफ में भर्ती के लिए किसी भी प्रकार की रकम की जरूरत नहीं है। उन्होंने अभ्यर्थियों से अपील की है कि अगर किसी व्यक्ति या दलाल द्वारा भर्ती के लिए रुपये की मांग की जाती है या भर्ती कराने का झांसा दिया जाता है, तो तुरंत इसकी जानकारी नजदीकी थाने, भर्ती बोर्ड के पीठासीन अधिकारी या सीआरपीएफ के ग्रुप केंद्र के डीआइजी को दें। ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सीआरपीएफ की शौर्य गाथा और देश की सुरक्षा में भूमिका
सीआरपीएफ देश की आंतरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी स्थापना 1939 में क्राउन रिप्रजेंटेटिव पुलिस के रूप में की गई थी। सीआरपीएफ के जवानों ने लद्दाख में 1959 में चीनी हमले को नाकाम किया और कश्मीर, पंजाब, मणिपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में उग्रवादियों से निपटने के दौरान अपनी वीरता दिखाई।
सीआरपीएफ की वीरता की गाथाएं
सीआरपीएफ ने भारत की एकता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। यह पाकिस्तान द्वारा की गई घुसपैठों को नाकाम करने के लिए कच्छ, राजस्थान, सिंध और कश्मीर में तैनात किया गया। 1962 के चीनी आक्रमण के दौरान भी सीआरपीएफ ने भारतीय सेना की मदद की और अरुणाचल प्रदेश में चीनी हमले को नाकाम किया, जिसमें आठ सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।
हर साल 21 अक्टूबर को सीआरपीएफ पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें उन जवानों की शहादत को याद किया जाता है जिन्होंने देश की सुरक्षा में अपनी जान न्योछावर की। सीआरपीएफ की भर्ती के दौरान अभ्यर्थियों से अपील की गई है कि वे किसी भी अनधिकृत व्यक्ति से संपर्क ना करें जो उन्हें भर्ती प्रक्रिया के लिए पैसे देने का दबाव बनाए। भर्ती का यह अवसर सभी पात्र उम्मीदवारों के लिए है और यह पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाएगा।