अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय तरुण कुमार की अदालत ने सुनाई सजा
50,000 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया, जुर्माना नहीं देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास
Koderma: अपहरण कर हत्या कर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से लाश को जंगल में फेंके जाने के एक मामले की सुनवाई के पश्चात अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय तरुण कुमार की अदालत ने सोमवार को 6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में आनंद पासवान, अब्दुल हबीब मियां, मकसूद आलम, शिवनंदन कुमार, नेहरू पासवान, मोहम्मद इम्तियाज के नाम शामिल है। अदालत ने आरोपियों को भादवि की धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50000 जुर्माना भी लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। वही न्यायालय ने 201 आईपीसी में साक्ष्य छुपाने का दोषी पाते हुए 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं ₹10000 जुर्माना लगाया। वहीं 364 में आजीवन कारावास एवं 25000 जुर्माना लगाया साथी 27( 7-1) आर्म्स एक्ट में 7 वर्ष की सजा एवं ₹20000 जुर्माना लगाया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। इसे लेकर तिलिया थाना कांड संख्या 65/ 2013 एवं सत्र वाद संख्या 107/ 2013 दर्ज की गयी थी।
क्या है मामला
मामला 14 मार्च-2013 का है। झलपो निवासी फैयाज अंसारी का आरोपियों ने अपहरण कर अररिया में ले जाकर जहर का सुई देकर व गोली मारकर हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया था। मामले में मृतक का का भाई मोहम्मद अजहर पिता मोहम्मद इदरीश झलपो तिलैया निवासी ने तिलिया थाना पुलिस को दिए बयान में कहा था उसका भाई उसे तिलिया सामंतों पेट्रोल पंप पर छोड़ने के लिए का था । क्योंकी उसे रांची जाना है पासपोर्ट बनाने के लिए। उसके द्वारा सुबह 7:00 बजे सामंतों पेट्रोल पंप के नजदीक छोड़ दिया। उसके भाई द्वारा कहा गया कि जिस का पासपोर्ट बनाना है वह बोलेरो लेकर आ रहा है उसके साथ वह रांची जाएगा और शाम तक लौट आएगा।
तुम जाओ। उसके बाद वह वहां से चला आया। संध्या करीब 8:30 बजे जब वह अपने भाई के नंबर पर फोन किया तो उसका फोन कोई दूसरा व्यक्ति उठाया और कहा कि वह बाथरूम में है थोड़ी देर बाद कॉल करना । थोड़ी देर के बाद वह कॉल किया तो उसका भाई का मोबाइल मोबाइल फोन स्विच ऑफ आने लगा। दो-तीन दिनों तक खोजबीन करने के उपरांत उसके द्वारा तिलैया थाना में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया गया। पुलिस ने उक्त मामले में बेहतरीन कार्य करते हुए अपहृत व्यक्ति का मोबाइल ट्रेसिंग पर डालने के बाद एक एक कड़ी को जोड़ते हुए मामले के तह तक पहुंची और उक्त कांड में शामिल सभी 6 अभियुक्तों तक पहुंची और उन्हें पूरे सबूत के साथ पकड़ा। उक्त मामले के उद्भेदन में कोडरमा एवं अररिया पुलिस की अहम भूमिका रही।
मामले में अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक पीपी मंडल ने करते हुए अभियुक्तों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग न्यायालय से की, वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनवर हुसैन, दीपक साहू एवं तरुण लाल ने ने दलीलें पेश की और न्यायालय से कम से कम सजा देने का गुहार लगाया। इस दौरान सभी 22 गवाहों का परीक्षण कराया गया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने एवं अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया।