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रांची।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुंड़ू-तमाड़ में हाराडीह नदी पर तीन साल पहले निर्मित पुल के टूटने पर नाराजगी जतायी है। उन्होंने शुक्रवार को मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिए है। साथ ही इसे करप्शन और पैसों की लूट बताया है। उल्लेखनीय हो की यास तूफान के चलते 27 मई की दोपहर उक्त पुल ध्वस्त हो गया । पुल का निर्माण आठ करोड़ की लागत से करायी गई थी। पुल का अबतक उद्घाटन भी हुआ था।
सीएम सोरेन ने कहा है कि उनके सेवाकाल में भ्रष्टाचार और जनता के पैसों की लूट किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी। पुल ध्वस्त होने के पीछे एक वजह यह भी बतायी जा रही है कि नदी से रोजाना बालू का अवैध खनन हो रहा है। पुल के ठीक नीचे से लगातार बालू का खनन जारी है। ग्रामीणों के कहने के बावजूद किसी ने बालू के अवैध उत्खनन रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। पथ निर्माण विभाग अब इस पुल के टूटने की जांच में लग गया है।
रांची का सबसे लंबा माने जाने वाला यह पुल सरायकेला- खरसावां जिले को जोड़ते हुए पश्चिम बंगाल से लोगों को जोड़ता है। इस पुल के जरिये बुंडू, तमाड़, सोनाहातू व राहे ब्ल़ॉक से भी कनेक्टिविटी आसान थी। अब लोगों को नदी पार करने के लिए 10 किमी से भी अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी।
पुल टूटने की खबर पर घटनास्थल का मुआयना करने पहुंचे स्थानीय विधायक विकास मुंडा ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की थी। पुल का निर्माण तीन साल पहले ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल ने करवाया था। विधायक विकास मुंडा ने कहा कि इससे पहले भी एक और उच्च स्तरीय पुल गिरा है। दोनो पुल का कंस्ट्रक्शन कंपनी एक है, जिसकी जांच आवश्यक है।
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