पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के जवाहर लाल नेहरू मार्ग पर स्थित विश्वेश्वरैया भवन (जिसे तकनीकी सचिवालय भी कहा जाता है) में बुधवार को भीषण आग लगने की घटना के जांच के आदेश दिए हैं। आग में ग्रामीण कार्य विभाग का कार्यालय पूरी तरह से जल गया है। विश्वेश्वरैया भवन में लगी आग का मुआयना करने के पश्चात पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सुबह भवन में आग की सूचना मीडिया के माध्यम से मिली। इसके बाद फिर तीन बजे दोपहर में आग लगने की बात सामने आने पर मैं स्वयं मुआयना करने आया कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। जो लोगों इस आग बुझाने के कार्य में थे उसने कहा कि काम में किसी तरह की कोताही नहीं बर्दाश्त की जायेगी। इतनी देर तक आग लगना यह अच्छी बात नहीं। आगे के लिए इस तरह की घटना न घटे इसको लेकर एहतियात बरता जायेगा।
नीतीश कुमार ने अधिकारियों से इस बात की जानकारी ली है कि आग किस वजह से लग सकती है। बताया जा रहा है कि शार्ट सर्किट की वजह से पांचवी मंजिल पर आग लगी लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। आग लगने की घटना के बाद विपक्ष इस मामले को लेकर भी सवाल उठा रहा है कि कहीं दस्तावेज खत्म करने के लिए तो कोई साजिश नहीं रची गई।
इस आग से कार्यालय के रिकॉर्ड और उपकरणों को भारी नुकसान हुआ है। इमारत में फंसे कुछ मजदूरों को दमकल विभाग ने बचा लिया। नए भवन के परिसर में 2021 से निर्माण कार्य चल रहा है। इस भवन में बिहार राज्य योजना बोर्ड, ग्रामीण निर्माण विभाग, सड़क निर्माण विभाग, लघु जल संसाधन विभाग आदि सहित छह से अधिक विभागीय कार्यालय हैं।
पाटन सदर एसडीओ नवीन कुमार के मुताबिक आग सुबह करीब साढ़े सात बजे लगी। एक सुरक्षा गार्ड ने इमारत की पांचवीं मंजिल से धुआं निकलते देखा, जिसके बाद उसने दमकल विभाग को फोन किया। हाइड्रोलिक सीढ़ी के साथ छह से अधिक दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पा लिया गया। दमकलकर्मियों का कहना है कि अगर आग निचली मंजिलों तक पहुंचती तो बड़ा नुकसान हो सकता था।