नई दिल्ली।
कृषि विधायकों पर चर्चा के दौरान रविवार को राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश राय के साथ दुर्व्यवहार किए जाने के मामले में 8 सदस्यों को 1 सप्ताह के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा निलंबित किए गए सांसदों में टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन के अलावा आप पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस पार्टी के राजीव सातव, रूपुन बोरा और सैयद नासिर हुसैन , माकपा के केके रागेश और एलाराम शामिल है। सभापति नायडू ने उपसभापति के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है।
ज्ञात हो कि कृषि संबंधी विधेयकों पर रविवार को चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने विधेयक पर एतराज जताते हुए काफी हंगामा किया था। बिल के विरोध में विपक्षी दलों के कुछ सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी की थी। इस दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति हरिवंश के साथ दुर्व्यवहार करते हुए रूल बुक छीनने की भी कोशिश की थी। जिससे उपसभापति के टेबल का माइक टूट गया था। सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने ही रूल बुक फाड़ दी थी। वही आप सांसद संजय सिंह ने विरोध में मेज पर लगी माईक को भी तोड़ दिया था।
निलंबित किए जाने के विरोध में विपक्षी दलों नेसंसद भवन परिसर में किया प्रदर्शन
इधर सदस्यों के राज्यसभा से निलंबित किए जाने के विरोध में विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया पुलिस पुलिस स्टाफ संसद भवन परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेश समेत अन्य विपक्षी दलों ने सरकार के ऊपर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया। विपक्षी सांसदों ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को सहन नहीं कर पा रही है। उनका कहना था कि सदन में विपक्षी दलों को आवाज उठाने का भी अधिकार नहीं है। सांसदों के निलंबन को गलत ठहराते हुए सांसदों ने इसके लिए उपसभापति के गलत फैसले और व्यवहार को जिम्मेवार बताया है। उन्होंने कहा है कि सरकार नियमों को तोड़कर किसान और आम जनता की समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय बहुमत का जोर दिखाते हुए कृषि विधेयक को पारित कर दिया। विपक्षी दलों के सांसदों ने कहा कि सत्ता पक्ष के गलतियों और खामियों पर आखिर वे सवाल ना उठाए तो क्या करें।