Chaibasa: जिले के गोइलकेरा थाना और मुफस्सिल थाना के बॉर्डर पर स्थित मारीदिरी जंगल में शुक्रवार को आईईडी की चपेट में आकर उक महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान गांगी सुरीन पताहातु निवासी के रुप में की गई। महिला सुबह जंगल जा रही थी तभी नक्सलियों के लगाए गए आईईडी की चपेट में आ गई।एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि नक्सलियों के लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से महिला की मौत हुई है। पुलिस और सीआरपीएफ की टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है।
बताया जा रहा है कि महिला जंगल में जीविकोपार्जन के लिए लकड़ी चुनने गई थी ।इसी क्रम मे महिला का पैर माइंस पर पड़ गया और वो घटना स्थल पर ही दमतोड़ दी ।बम के घमाके की आवाज सुनकर सुरक्षाबल और ग्रामीण वहां पहुंचे त महिला का शव बरामद किया । जानकारी अनुसार चाईबासा के सारंडा और गोइलकेरा के जंगल में नक्सली ने भारी संख्या में भूमिगत बारूदी सुरंग बिछा रखे है।
हाल के दो तीन माह में सुरक्षाबल के जवान सहित दर्जन भर ग्रामीण की मौत हो चुकी है।इस क्षेत्र में सी आर पी एफ सहित स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है ।नक्सली अपने शरण स्थल के आस पास सैकड़ो की संख्या में शक्तिशाली बारूदी सुरंग बिछा रखा है ।कुछ समय पूर्व नक्सली ने ग्रामीणों को जंगल क्षेत्र में प्रवेश पर भी रोक की चेतावनी दी थी।
एक माह पुर्व ही सर्च अभियान के क्रम में बारूदी सुरंग विस्फोट में दो जवान की मौत हो गई थी जबकी एक जवान ने दिल्ली के एम्स में चिकित्सा के क्रम में शहीद हो गये। चाईबासा के सारंडा और गोइलकेरा जंगल को नक्सली अपना गढ़ मानते है वहां से वो पुरे प्रदेश में घटना को संचालित कर रहे है।चाईबासा से पलामू गोवा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ का संचालन होता है और विपरीत परिस्थिती में सुरक्षित शरण स्थल के रूप में वो ओडिशा को केन्द्र बनाते है । लगभग हर नक्सल टीम का संचालन इन्ही इलाके से हो रहा है।पुरा का पुरा क्षेत्र विभिन्न तरह के खनिज भंडार से भरा होने के कारण नक्सली को भरपुर लेवी की राशि भी प्राप्त होती है ।जंगली और पठारी क्षेत्र होने के कारण सुरक्षाबल को तरह तरह से परेशानी आती रहती परन्तु नक्सली दस्ता के लिए यह मात्र अभ्यास का बिषय रहता है।नक्सली को खनिज अवैध उत्खनन से भरपुर लेवी की राशि भी प्राप्त होती ।