Hazaribagh News: एसडीएम अशोक कुमार की धर्मपत्नी अनिता कुमारी को न्याय दिलाने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग को लेकर रविवार को बुढ़वा महादेव प्रांगण से एक ऐतिहासिक कैंडल मार्च और मशाल जुलूस निकाला गया। शहर के विभिन्न चौक चौराहों से गुजरते हुए झंडा चौक पहुंचकर समाप्त हुआ। जहां पर अनिता कुमारी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित कर सभी ने उन्हें नमन किया।इस घटना ने न केवल हजारीबाग बल्कि पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। जुलूस का नेतृत्व सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने किया। चतरा विधायक जनार्दन पासवान भी मौजूद रहे।

भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विवेकानंद सिंह,मंडल अध्यक्ष, सैकड़ों कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में आम नागरिक इस मार्च में शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में आरोपित की जल्द गिरफ्तारी और उसे फांसी की सजा की मांग की। गत 26 दिसंबर को सुबह करीब 7.30 से 8.00 बजे के बीच हजारीबाग एसडीएम आवास पर अनिता कुमारी जलने की घटना हुई। गंभीर हालत में उन्हें पहले शहर के निजी अस्पताल ले जाया गया, फिर बोकारो और अंततः रांची के देवकमल अस्पताल में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान 27 दिसंबर की रात 3:30 बजे अनिता कुमारी ने दम तोड़ दिया। इस घटना से पूरे शहर में आक्रोश फैल गया। शनिवार को रांची में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने हजारीबाग में संबंधित थाने में आरोपित की गिरफ्तारी की मांग की।
परिजनों के साथ-साथ हजारीबाग की जनता ने भी इस घटना को महिला सम्मान और न्याय से जुड़ा मामला मानते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवाज बुलंद की। रविवार को आयोजित कैंडल मार्च और मशाल जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, युवा और बुजुर्ग शामिल हुए। सभी ने भावुक होकर शहर की बहू-बेटी के साथ हुए इस अमानवीय अत्याचार पर गहरी संवेदना और आक्रोश व्यक्त किया। सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा यह केवल अनिता कुमारी के परिवार का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की बेटी का सम्मान और सुरक्षा का सवाल है। दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने तक यह संघर्ष जारी रहेगा। यह सिर्फ अनिता कुमारी का मामला नहीं है, यह पूरे समाज की बहू-बेटी के सम्मान और सुरक्षा का सवाल है। जब तक दोषियों को फांसी नहीं दी जाती, हम चैन से नहीं बैठेंगे, सड़क से लेकर सदन तक इस बात को बुलंद किया जाएगा।
साथ ही कहा की यह घटना समाज पर एक काला धब्बा है। हम सुनिश्चित करेंगे कि अनिता कुमारी को न्याय मिले और दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए,हमारी बेटियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। इस मामले में पुलिस और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। आरोपित की तत्काल गिरफ्तारी,दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाए। घटना के कारणों का पता लगाकर सख्त कार्रवाई की जाए। कड़ी सजा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोषियों को उदाहरणात्मक सजा दी जाए। कैंडल मार्च ने एक संदेश दिया कि महिलाएं केवल परिवार नहीं, समाज की धरोहर हैं। उनका सम्मान और सुरक्षा हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
चतरा जनार्दन पासवान ने कहा की यह घटना न केवल एक परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए गहरी पीड़ा का विषय है। अनिता कुमारी के साथ हुए इस अमानवीय कृत्य ने हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया है। यह आंदोलन न्याय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। जब तक आरोपित को गिरफ्तार कर उसे फांसी की सजा नहीं दिलाई जाती, हम चैन से नहीं बैठेंगे। यह लड़ाई केवल अनिता कुमारी के लिए नहीं, बल्कि समाज की हर बहू-बेटी के सम्मान और सुरक्षा के लिए है।
सदर एसडीओ को किया जाये पदमुक्त : सांसद
हजारीबाग के सदर एसडीओ अशोक कुमार की पत्नी अनीता कुमारी की जलने से हुई मौत की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य घटना पर हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से आग्रह है कि सदर एसडीओ को अपने दायित्व से पद मुक्त किया जाए ताकि बिना किसी दबाव के जांच किया जा सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
उन्होंने यह भी कहा की इस संबंध में राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी और जिला प्रशासन से विस्तृत चर्चा हुई है और दोषियों पर कार्रवाई करने एवं पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आग्रह उनसे किया है। सांसद मनीष जायसवाल ने यह भी कहा कि इस घटना से समस्त हजारीबाग शर्मसार है और इसमें न्याय जरूर होगा ।
एसडीओ ही जलाया पत्नी अनिता को : बीपी मेहता
हजारीबाग एसडीओ अशोक कुमार की पत्नी की मौत के मामला अब और तूल पकड़ने लगा है। इस संबंध में हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने रविवार को पत्रकारों बातचीत करते हुए हुए कहा कि एसडीओ ही अपनी पत्नी को जलाकर मारा है। यदि खुद जलती तो एसडीओ अशोक परिजनों को इसकी जानकारी देता। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं सबसे पहले आरोग्यम अस्पताल हजारीबाग, उसके बाद बोकारो, फिर मेदांता रांची तब जाकर देवकमल में भर्ती कराया।
पत्नी के जल जाने की खबर ना हजारीबाग, ना बोकारो और ना रांची में किसी अधिकारी को दी। इससे साफ जाहिर होता है कि एसडीओ ही अपनी पत्नी को जलाकर मार दिया है।मेहता ने यह भी कहा कि घटना के दो दिन पूर्व एसडीओ दोनों बच्चों को अपने घर भेज दिया था। तब जाकर घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बारे यह भी कहा कि यदि इस तरह की घटना आम लोगों के जरिये किया जाता तो उसे प्रशासन के जरिये करवाई तुरंत कर दिया जाता है। लेकिन एसडीओ के कारण अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं मैं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह करता हूं कि पत्नी के हत्यारे एसडीओ की अभिलंब गिरफ्तारी हो और उसे जेल भेज दिया जाए। साथ ही साथ हजारीबाग एसपी से भी एसडीओ की गिरफ्तारी की मांग मेहता ने की है।मौके पर गणेश वर्मा ,निजाम अंसारी और मो हकीम सहित कई मौजूद थे।