चतरा।
आतंक का पर्याय व 10 लाख के इनामी नक्सली जोनल कमांडर परमजीत उर्फ सोनू दास का शव संदिग्ध हाल में पुलिस ने लावालौंग थाना क्षेत्र के टिकदा गांव के समीप स्थित जंगल से बरामद किया है। नक्सली जोनल कमांडर को दो गोलियां मारी गयी है।वह लावालौंगथाना क्षेत्र के कदहे गांव का रहनेवाला था।एसडीपीओ वचनदेव कुजूर ने मारे गए जोनल कमांडर के हत्या की पुष्टी करते हुए बताया कि परमजीत माओवादी संगठन छोड़ जेजेएमपी के नाम पर अपना संगठन खड़ा किया था। नक्सली कमांडर पर चतरा, लातेहार और पलामु जिला में एक दर्जन से ज्यादा नक्सली मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि आपसी रंजिश में परमजीत के हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है। शव का पोस्टमार्टम तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की टीम ने किया।
महज 10 वर्ष के उम्र में घर छोड़कर माओवादियों के बाल दस्ते में शामिल हुआ था
उल्लेखनीय हो की परमजीत महज 10 वर्ष के उम्र में लावालौंग के चानी गांव के संतोष यादव के साथ घर छोड़कर निकला ओर नक्सली संगठन माओवादी के बाल दस्ते में शामिल हुआ था। पीएफआई का संतोष यादव भी पहले माओवादी संगठन का दुर्दांत कमांडर था। मृतक अपने पीछे पत्नी मालती देवी, दो बच्चा और एक बच्ची को छोड़ा है। मृत नक्सली के पिता बासुदेव मोची ने बताया कि जब उनका परिवार एक विवाह समारोह में शामिल होने गया था,उसी वक्त उसके बड़े पुत्र सोनू दास ने दस वर्ष की उम्र में घर छोड़ दिया था। तब से उन्होंने उसका मुंह नहीं देखा था। उन्होंने बताया कि जंगल मे रहते हुए दो वर्ष पूर्व उसने एक शादीशुदा महिला को घर मे लाकर पत्नी बना लिया था।