रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को विपक्ष के तेवर तल्ख रहे। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर में हंगामा शुरू हो गया। विधानसभा के मुख्य द्वार पर भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा के विधायक झारखंड को अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित करने तथा कांग्रेस के तीनों विधायकों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे। इस दौरान भाजपा विधायक नीरा यादव ने सिर पर टोकरी रख प्रदर्शन किया।
मौके पर भाजपा ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे पर बड़ा निशाना साधा है। भाजपा विधायकों का आरोप है कि कांग्रेस के तीनों विधायक डॉ. इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप को फंसाने के पीछे सीधे-सीधे कांग्रेस आलाकमान और सत्तारूढ़ गंठबंधन की हेमंत सरकार का हाथ है। भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा है कि कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे इस पूरे कांड के कर्ताधर्ता है। वे हर सप्ताह झारखंड आते हैं और झारखंड से अवैध वसूली कर वापस लौट जाते हैं। ऐसे में भाजपा की मांग है कि अविनाश पांडे के संपत्ति के भी जांच कराया जाये।
उन्होंने कहा है कि उनकी मांग है कि मामले की जांच सीआईडी से नहीं बल्कि ईडी और एनआईए से भी कराई जानी चाहिए। बिरंची नारायण ने कहा कि जहां तक कांग्रेस के तीनों विधायक से बंगाल में एक बड़ी राशि मिलने की बात है तो यह राशि किसी और की नहीं, बल्कि झारखंड में हेमंत सरकार के नेतृत्व में खनिज संसाधनों की लूट मची है, यह पैसा उसी का हिस्सा है। इस दौरान भाजपा विधायक ने हेमंत सरकार से मांग की है कि जिस तरह राज्य में मानसून की स्थिति बनी है, उसे देखते हुए तत्काल झारखंड को आकाल क्षेत्र घोषित किया जाए।
विधायक ने कहा कि हेमंत सरकार को सदन के अंदर और बाहर मजबूर करेंगे, कि राज्य की जनता और किसानों के हित में तत्काल झारखंड का क्षेत्र घोषित करें। झारखंड के वकील राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल में गिरफ्तारी पर विधायक ने कहा है कि सरकार के खिलाफ जो भी कुछ बोलता है, उसके साथ ऐसा ही व्यवहार हेमंत सरकार करती है। भाजपा विधायक नीरा यादव ने कहा कि पूरे राज्य में अकाल की स्थिति है और सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई है। विरोध में नीरा यादव ने भाजपा विधायकों के बीच धुस्का बर्रा वितरित किया।
विपक्ष सदन को पैरेलाइज करने का षड्यंत्र कर रहा है- सीएम
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को दूसरी पाली में राज्य में अल्प वर्षा से उत्पन्न सुखाड़ की स्थिति पर जैसे ही चर्चा शुरू हुई। उसी दौरान भाजपा विधायक वेल के पास आकर हंगामा करने लगे। यह सरकार से बिना चर्चा कराए राज्य को अकाल क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे थे। सदन में उत्पन्न व्यवधान को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने खुद हस्तक्षेप किया। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सुबह से ही विपक्ष नए परिधान के साथ नए अंगवस्त्र के साथ यहां उपस्थित हुए हैं। यह ओरिजिनल किसान नहीं हैं। सदन में स्पष्ट हो गया कि यहां राज्य के अंदर वर्षा की जो स्थिति है, उसपर चर्चा हो। इसी को लेकर समय निर्धारित है। विपक्ष सदन को पैरेलाइज करने का षड्यंत्र कर रहा है। हमलोग चर्चा के लिए तैयार हैं, जो भी सुझाव आएगा, सरकार इसपर काम करेगी। विपक्ष सुबह से ही राज्य को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं।
राज्य में जिस तरह का वर्षापात हुआ है, वह चिंता का विषय- बादल पत्रलेख
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सुखाड़ पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में जिस तरह का वर्षापात हुआ है, वह चिंता का विषय है। सरकार भी इसको लेकर चिंतित है। मंत्री पत्रलेख ने कहा कि पिछले कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री के साथ इस विषय पर चर्चा हुई थी। सुखाड़ की पहली बार स्थिति नहीं बनी है, पहले भी झारखंड सुखाड़ और अकाल की चपेट में रहा है। सरकार ने एक नहीं कई बैठकें हुई हैं। कृषि विभाग ने मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन विभाग को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। अबतक छह लाख 89 हजार हेक्टेयर भूमि पर फसल का आच्छादन हुआ है जबकि राज्य में कृषि योग्य भूमि 27 लाख हेक्टेयर है। हमलोग अबतक 35 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किये हैं। उन्होंने कहा कि वर्षापात 50 प्रतिशत से कम हुआ है, स्थिति ठीक नहीं है।