पटना।आय से अधिक संपत्ति मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई (ईओयू) की टीम ने मंगलवार को पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज के कई ठिकानों पर छापामारी कर करोड़ों की संपति का खुलासा किया है। पटना के बेउर के अलावा नरेंद्र कुमार धीरज के भाइयों और भतीजे के भोजपुर स्थित नौ ठिकानों पर तलाशी अभियान चली जिसमें 9.47 करोड़ की संपति का पता चला है।
नरेंद्र कुमार धीरज पर भ्रष्टाचार के जरिए अपने और अपने परिवार-रिश्तेदारी के लोगों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाने का आरोप लगा है।आरा के रहने वाले इस सिपाही के कुल 7 भाई हैं। बिहार पुलिस में आने से पहले इनके पास सिर्फ 3-4 बीघा पुश्तैनी जमीन थी। इनके पूरे परिवार में इनके अलावा कोई भी सरकारी नौकरी नहीं करता है। सिर्फ यही एक सिपाही हैं। बावजूद इसके सभी भाईयों व भतीजों के नाम से कई मकान और जमीन है।
ईओयू की नौ अलग-अलग टीमों ने पटना, आरा और अरवल जिलों में नरेंद्र के ठिकानों पर एक साथ छापामारी की। बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात हैं। जानकारी अनुसार नरेंद्र कुमार और उनके रिश्तेदार काफी दिनों से ईओयू के रडार पर थे। जिसके बाद शिकंजा कसा गया और एक बड़ी टीम बनाकर एकसाथ कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। रेड में पता चला कि इसने पद का भ्रष्ट दुरुपयोग कर खुद और अपने घरवालों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की, जो कि इसकी सैलरी से कई गुना अधिक है।
छापेमारी में पता चला कि नरेंद्र कुमार धीरज कोई आम सिपाही नहीं है। इसकी महीने की इनकम डीएम एसपी से भी ज्यादा है। नरेंद्र कुमार धीरज के पास कुल 9 करोड़ 47 लाख 66 हजार 745 रुपये से अधिक की संपत्ति है। इसके व उनके रिश्तेदारों के आरा, पटना और अन्य जगहों पर मकान जमीन सहित पॉलिसी, बैंक खाता और वाहन के क्रय का दस्तावेज है। जिसकी कीमत का आकलन किया जा रहा है।
ईओयू ने बताया कि सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज ने अपनी नौकरी के दौरान 9 करोड़ 47 लाख 66 हजार 745 रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की, जो इसके वेतन से लगभग 544 प्रतिशत अधिक है। 13 मई 1988 को नरेंद्र कुमार धीरज की नौकरी सिपाही के रूप में हुई थी। नालंदा जिला पुलिस बल में इसकी तैनाती हुई, जहां से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आते हैं।
सीएम के गृह जिले में नौकरी की शुरुआत करने वाले इस अदना से सिपाही की सेवा अवधि करीब 33 साल 2 महीने पूरी हुई। लिहाजा इसने 398 महीने नौकरी की। अगर 9 करोड़ 47 लाख 66 हजार 745 रुपये का हिसाब निकालें तो मूल रूप से भोजपुर जिले के सहार थाना अंतगर्त मुजफ्फरपुर गांव के रहने वाले सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज ने हर महीने 2 लाख 38 हजार 107 रुपये 39 पैसे से ज्यादा की कमाई की है।