Bettiah : पश्चिम चंपारण ज़िला मे पिछले चार-पांच दिनों से नेपाल एवं नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पश्चिम चंपारण की गंडक मसान सिकरहना सहित प्राय सभी पहाड़ी नदियां भारी उफान पर है, जिसके कारण आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
गंडक नदी के जल स्तर में लगातार हो रही भारी वृद्धि के कारण गंडक विभाग द्वारा बाल्मीकि नगर गंडक ब्राज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं। वहीं पश्चिम चंपारण की पगली नदी कहे जाने वाले मसान नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। रामनगर प्रखंड में मस्तान नदी पानी गुदगुदी पंचायत के हरपुर गांव सहित करीब गांव में घुस गया है और ग्रामीण की ओर पलायन कर रहे हैं।
पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद पश्चिम चंपारण के निचले इलाकों में पानी प्रवेश कर तबाही मचाने लगा है. पश्चिम चंपारण के कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनते दिख रहे हैं. आने वाले दिनों में अन्य प्रखंडों में भी बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीं बगहा दो प्रखंड के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के चकदहवा, झंडू टोला, बिन टोली, कानी टोला के साथ ही पिपरासी प्रखंड के सेमरा लबेदहा, बलुआ ठोरी और मंझरिया के गांवों में गंडक नदी का पानी घुसने लगा है. कई परिवार गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंच गया है. वहीं कई परिवार पानी से खुद को बचाते हुए जद्दोजहद कर रहा है.
पश्चिम चंपारण के डीएम दिनेश कुमार राय ने सभी ब्लॉक के सीओ और बीडीओ को प्रभावित गांवों में कैंप कर हालात पर नजर रखने का निर्देश दिया है. वहीं निचले इलाकों से तेजी से लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचा जा रहा है. हालांकि ताजा अपडेट के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर फिलहाल स्थिर है. 4 लाख 40 हज़ार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज जारी है.
पानी बढ़ने के साथ ही लोग अपने माल -जाल के साथ चकदहवा विद्यालय तथा ऊंचे बांध पर शरण लेने लगे हैं
जल स्तर बढ़ने के कारण वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगलों में पानी भरने लगा है। वही एसएसबी के झंडाहवा टोला कैंप के साथ-साथ चकदाहवा,कान्ही टोला एवं बीन टोली,ठाढी एसएसबी बीओपी आदि गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। लगभग 600 घर में पानी देर रात में घुसने के बाद लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिसके चलते बाढ़ का पानी एसएसबी कैंप सहित गांव में लगभग 3 फीट बाढ़ का पानी घुस गया है। पानी बढ़ने के साथ ही लोग अपने माल -जाल के साथ चकदहवा विद्यालय तथा ऊंचे बांध पर शरण लेने लगे हैं।
एसएसबी 21 वी वाहिनी झंडूटोला के इंस्पेक्टर सह कंपनी कमांड़र सुरेश कुमार ने बताया कि गंडक नदी का जलस्तर शनिवार की देर रात से अचानक से बढ़ने लगा, जिसके चलते बाढ़ का पानी एसएसबी कैंप के साथ-साथ गांव में प्रवेश कर गया। लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि एसएसबी कैंप में बाढ़ का पानी आने के कारण नाव से जवानों की आवा जाई और गस्ती की जा रही है। शनिवार की देर रात गंड़क बराज से छोड़ा गया 3 लाख 65 हजार 200 क्यूसेक पानी तो वही गंडक बराज से रविवार की सुबह 4 लाख 41 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया है, जिससे गंडक नदी का जल स्तर पश्चिमी चंपारण के दियारावर्ती इलाकों में बढ़ने की संभावना है। जिला प्रशासन ने दियारावर्ती प्रखंडों के अधिकारियों को सचेत कर दिया है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है।
गंडक बराज के कार्यपालक अभियंता सियाराम पासवान ने बताया कि नेपाल के जल ग्रहण वाले क्षेत्रों में लगभग चार दिनों से रुक रुक कर भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते नारायणी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नारायणी नदी वाल्मीकिनगर के त्रिवेणी में आकर सोनभद्र तथा तमसा नदी मिलती है। तीनों नदियां एक साथ मिलकर गंडक नदी हो जाती है। तीनों नदियों में पहाड़ का पानी आता है। इससे गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बराज के सभी अभियंता और अधिकारी 24 घंटा बराज तथा पानी पर पैनी नजर रखे हुए हैं।समाचार प्रेषण तक गंडक नदी से 4,16000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।