Begusarai: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि रामधारी सिंह दिनकर समाज के पुरुषार्थ हैं। उनके बिना इतिहास का मूल्यांकन अधूरा है। दिनकर भारत के नैतिक मूल्य, आदर्श, साहस और संकल्प हैं। देश के आत्मविश्वास में दिनकर हैं। राष्ट्रकवि दिनकर हिंदी साहित्य नहीं, भारतीय साहित्य के ध्रुव तारा थे। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 115वीं जयंती के अवसर पर उनके पैतृक गांव सिमरिया में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि दिनकर जी के जन्म भूमि पर आना सौभाग्य की बात है। दुनिया में दिनकर जैसे व्यक्ति यदा यदा ही अवतरित होते हैं। संवेदनशील हृदय के प्राणी दिनकर के पास भारत माता के लिए अपार संपदा थी। वह आजीवन रचनात्मक रहे।
उन्होंने कहा कि हमारा देश प्राचीन काल से अंतर दृष्टि तलाश रहा है। दिनकर ने राजनीति में कभी क्षेत्र और भाषा की तुलना नहीं की। तत्कालीन सरकार की आलोचना करने में भी पीछे नहीं रहते थे। 1954 में भ्रष्टाचार उन्मूलन पर बहस के दौरान उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार समाज का कैंसर है, सरकार कठोर रूप अपनाएं। उन्हें उर्वशी के लिए ज्ञानपीठ मिला, लेकिन कुरुक्षेत्र में उन्होंने बड़ा सवाल खड़ा किया।
मनोज सिन्हा ने कहा कि शाश्वत रचनाकार दिनकर हमेशा आमजन और राष्ट्रहित के लिए खड़े रहते थे। आजादी से पहले और आजादी की बात की उनकी रचनाएं सर्वश्रेष्ठ है। उनकी रचना ने हर हिंदुस्तानी के दिल में जोश भरा। वे देश के दीप स्तंभ की तरह दिखाई देते हैं। दिनकर की रचना में सामाजिक न्याय और सामाजिक क्षमता का मूल तत्व परिभाषित होता है। जो लिखे वह हमारे लिए विरासत है। दिनकर देश के कोने-कोने में महसूस किए जाते हैं।
मुझे गर्व है कि आज जम्मू-कश्मीर अपने प्राचीन वैभव को प्राप्त कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर देश के विकसित राज्यों के बराबर पहुंचने की कोशिश कर रहा है। वहां वर्षों से जड़ जमाए बैठे आतंकवाद को उखाड़ फेंकने में काफी हद तक सफलता मिली है। जल्द ही जम्मू-कश्मीर आतंकवाद से पूरी तरह से मुक्त होगा और यही दिनकर जी के प्रति सभी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मनोज सिन्हा ने कहा कि दिनकर अपने जीवन काल में हमेशा नारी सशक्तिकरण के लिए प्रयत्नशील रहे। उन्होंने संसद में कहा भी था कि वैदिक काल के बाद जो सभ्यता विकसित हुई, उसमें नारी के साथ सम्मान नहीं किया गया। लेकिन हमें गर्व है कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में नारी को सम्मान मिल रहा है।संसद में जो विधायक पारित किया है, वह भारत में नारी सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा मिसाल साबित होगा।
दिनकर चाहते थे कि पूरी दुनिया में शांति हो और सबों को अपने एक परिवार के रूप में देखना चाहिए। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई जी-20 की बैठक ने यह साबित कर दिया, सभी देशों की आम सहमति से डिक्लेरेशन पास किया गया। इसमें भी दिनकर की एक झलक देखने को मिलता है। मुझे गर्व है कि हमारा देश दिनकर के राह पर चलते हुए आगे बढ़ रहा है। दिनकर की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए समाज आगे बढ़े, हम भी उसमें सहभागी बनेंगे।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने कभी राष्ट्र से समझौता नहीं किया- गिरिराज
समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने कभी राष्ट्र से समझौता नहीं किया, भले ही नौकरी छोड़नी पड़ी। वे साइमन कमीशन के विरोध में ही नहीं, सरदार पटेल के बारदोली आंदोलन में भी शामिल हुए और कभी सच कहने में डरे नहीं। दिनकर कभी रुके नहीं, कभी थके नहीं, कभी झुके नहीं। कभी विद्रोही कभी तो कभी राष्ट्रकवि के रूप में हमेशा समाज का पक्ष रखा।
समारोह की अध्यक्षता दिनकर स्मृति विकास समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, संचालन भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री और पूर्व विधान पार्षद रजनीश कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन अमरदीप सुमन ने किया। कार्यक्रम को विधान पार्षद सर्वेश कुमार, विधायक कुंदन कुमार, विधायक राजकुमार सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष सुरेन्द्र पासवान एवं उपाध्यक्ष नंदलाल राय आदि ने भी संबोधित किया।