Begusarai: गंगा की गोद में बसे दियारा क्षेत्र में गंगा से कटाव एवं प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ नियती बन गई है। एक ओर जहां प्रत्येक वर्ष दियारा वासियों को बाढ़ की विभिषिका का दंश झेलना पड़ता है। वहीं, दूसरी ओर गंगा से होने वाले कटाव से गांवों को विस्थापन का भी दंश झेलना पड़ता है।
1980-90 के दशक में बलिया के दियारा क्षेत्र में गंगा कटाव से पहाड़पुर, नौरंगा, अशर्फा, कमालपुर, सोनदीपी, गोखलेनगर विष्णुपुर, भवानंदपुर सहित कई गांवों को विस्थापित भी होना पडा़ था। दशकों से चली आ रही इस समस्या का समाधान शासन-प्रशासन के लिए पहेली बनी हुई है। जबकि स्थानीय लोगों के लिए यह समस्या नासूर की तरह बन गई है।
हाल के करीब एक महीना से प्रखंड क्षेत्र के भगवानपुर पंचायत स्थित शिवनगर एवं टिटहियां टोला का अस्तित्व गंगा कटाव से मिटने के कगार पर है। इसके साथ ही रविवार की शाम से गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण क्षेत्र के लोगों के ऊपर बाढ़ का भी खतरा मंडल आने लगा है। सोमवार की देर रात बाढ़ का पानी लखमिनियां के चेचियाही ढ़ाब में प्रवेश कर चुका है।
जिससे सैकड़ो एकड़ में लगी खरीफ की फसल नष्ट होने की संभावना जताई जा रही है। जलस्तर में इसी तरह वृद्धि जारी रहा तो आने वाले दिनों में हजारों एकड़ में लगी खरीफ की फसल नष्ट होने की संभावना है। जिससे स्थानीय किसान सहमे हुए हैं। किसानों ने बताया कि इस वर्ष देर से बारिश होने के बाद खरीफ के फसल की बुवाई भी लेट से ही हुई।
जिससे फसल अभी छोटे-छोटे ही हैं। इसी बीच बाढ़ का पानी फैल जाने से फसल का नष्ट होना तय माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रखंड क्षेत्र के भवानंदपुर, ताजपुर, पहाड़पुर, परमानंदपुर सहित भगतपुर एवं फतेहपुर पंचायत के एक-एक वार्ड भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। जहां कि करीब 60 हजार की आबादी को बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है।