Ranchi News:- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है। सोशल माडिया एक्स के माध्यम से उन्होंने कहा ” निर्लज्जता की भी एक हद होती है, पर हेमंत सोरेन सरकार ने तो उसे भी पार कर दिया है। झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां बीते दस दिनों से डीजीपी का पद खाली है और जो ‘डीजीपी’ जैसे काम कर भी रहा है, वो बिना वेतन के सेवा दे रहा है। वाह मुख्यमंत्री जी, ये तो नया भारत निर्माण है ‘बिना वेतन, बिना संवैधानिक वैधता, सिर्फ भ्रष्टाचार के दम पर प्रशासन’।

उन्होंने कहा ” अब क्यों न एक नई नीति ही बना दी जाए? धनबाद, हज़ारीबाग़, रामगढ़, बोकारो जैसे कोयला वाले “कमाऊ” इलाक़े समेत और बाकी के खनिज इलाक़ों में भी ‘बिना वेतन, केवल कमीशन आधारित सेवा’ के लिए “रिटायर्ड और अनुभवी” लोगों से आवेदन मंगवाइए। जो काम डीजीपी साहब कर रहे हैं, वही मॉडल लागू कीजिए, जहां वेतन की जगह ‘वसूली’ हो और संविधान की जगह ‘किचन कैबिनेट’ के आदेश मान्य हों।”a
दरअसल, ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ने न केवल संविधान के अनुच्छेद 312 को नकारा है, जो यूपीएससी को अधिकार देता है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस के निर्देशों को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया है।
हेमंत सोरेन जी अब शायद खुद को सर्वोच्च न्यायालय से भी ऊपर मान बैठे हैं और प्रशासन को नीचे, बहुत नीचे गिरा दिया है। आज झारखंड वहां पहुंच चुका है जहां जेपीएससी की हर कुर्सी बोली पर बिक रही है और यूपीएससी से चयनित अधिकारियों को भी ‘रेट लिस्ट’ से होकर गुजरना पड़ता है। हेमंत जी, आपने तो एक क्रांतिकारी प्रयोग कर डाला ‘योग्यता नहीं, सुविधा शुल्क आधारित प्रशासन”
जो परंपरा आपने शुरू की है, वो न सिर्फ सरकारी व्यवस्था की विश्वसनीयता का अंतिम संस्कार कर रही है, बल्कि आने वाले वर्षों में झारखंड के प्रशासनिक ढांचे के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी।”
वहीं दूसरी ओर बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत ने पलटवार करते हुए महज कुछ ही घंटों में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। हमारी सेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस और कई आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाकर ध्वस्त किया। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को पूरी दुनिया सलाम कर रही है। भारत, आतंकवाद को मिट्टी में मिलाने के अपने संकल्प पर अडिग है।