Monday, 20 May 2024 || 22:39

भोजपुर/पटना। बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह के दौरान शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में जगदीशपुर स्थित दुलौरा मैदान में एक साथ 77,700 तिरंगा लहराया गया। यह एक विश्व रिकॉर्ड बना है। इसको लेकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम पहुंची। टीम में शामिल 1600 अधिकारी एवं कर्मचारियों ने राष्ट्रीय ध्वज के रिकॉर्ड को दर्ज किया। विजयोत्सव में दो लाख से अधिक लोगो ने हिस्सा लिया। ध्वज लहराने के पाकिस्तान के विश्व रिकार्ड भी टूट गया।

विजयोत्सव में दो लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इसको लेकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम जगदीशपुर पहुंची है। सूचना के मुताबिक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के 1600 अधिकारी और कर्मचारी इस पूरे कार्यक्रम में हैं और वहां राष्ट्रीय ध्वज के रिकॉर्ड को दर्ज किया। इससे पहले एक साथ 57,500 राष्ट्रीय ध्वज फहराने का वर्ल्ड रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम दर्ज था। भोजपुर में कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग ड्रोन कैमरे से कराई गई। इसके अलावा जिन-जिन लोगों के हाथ में राष्ट्रीय ध्वज है, उनका फिंगर प्रिंट भी लिया गया, जिससे नए रिकॉर्ड को पुख्ता किया जा सके।

इससे पहले पटना एयरपोर्ट पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागत किया। उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मौजूद रहे। भाजपा के कई और नेताओं ने भी उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट पर अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच बैठक हुई। दस मिनट की मीटिंग के बाद शाह आरा के जगदीशपुर के लिए रवाना हुए।

बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जगदीशपुर की धरती युगपुरुषों की धरती है। उन्होंने बाबू वीर कुंवर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इतिहास ने बाबू कुंवर सिंह के साथ अन्याय किया है। उनकी वीरता के अनुरूप उन्हें जगह नहीं दी गई। आज बिहार की जनता पलक पांवड़े बिछाकर उनका नाम एक बार फिर से अमर कर रही है। शाह ने कहा कि आज से 163 वर्ष पूर्व 80 साल की उम्र के कुंवर सिंह ने इस क्षेत्र को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाई। आज लाखों-लाख लोग उनके लिए आएं हैं। मैं सबको नमन करता हूं। आजादी के पहले संग्राम को इतिहासकारों ने विफल विद्रोह कहकर बदनाम करने का काम किया। वीर सावरकर ने स्वतंत्रता संग्राम कहकर सम्मानित करने का काम किया।

अमित शाह ने कहा कि बाबू कुंवर सिंह के हाथ में गोली लग गई। उन्होंने अपने ही हाथ से अपनी दूसरी हाथ काट ली। ऐसे साहस कुंवर सिंह के अलावा किसी में नहीं हो सकता। वीर कुंवर सिंह ऐसे अकेले थे, जिन्होंने 80 साल के होने के बावजूद आरा-सासाराम से लेकर अयोध्या से बलिया होते हुए विजय का झंडा फहराया। चार दिन तक खून बहने के बावजूद भी उस वीर व्यक्ति का प्राण नहीं गया। जगदीशपुर में आजादी का झंडा फहराने के बाद वे शहीद हुए। आज मैं उस जगह पर गया था। 58 साल से अनेक प्रकार की रैलियों में गया हूं लेकिन आरा में राष्ट्रभक्ति का ये उफान देखकर नि:शब्द हूं। ऐसा कार्यक्रम जीवन में कभी नहीं देखा।

 

अमित शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के 75वें साल में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय किया है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक “भारत माता की जय” की आवाज जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री ने तीन लक्ष्य रखें हैं। एक तो आजादी के दीवाने जिन्होंने देश के लिए जीवन बलिदान कर दिया, आज की युवा पीढ़ी जाने। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र विश्वामित्र की जन्मभूमि है। यहीं ताड़का वध प्रभु श्रीराम ने किया था। यही से मिथिला जाने की उन्हें प्रेरणा मिली। यहां वशिष्ठ नारायण जी की जन्मभूमि रही।

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