पटना
पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बिहार के चर्चित सेनारी नरसंहार के सभी 13 आरोपितो को बरी कर दिया। निचली अदालत से इन्हें आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। वर्ष 1999 में हुए नरसंहार कांड की सुनवायी लंबे समय से चल रही थी। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए आरोपितो रिहा करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह और अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने की।
आरोपित की ओर से वरीय अधिवक्ता अंशुल राज ने दलीले रखी। उल्लेखनीय हो कि 18 मार्च 1999 की रात सेनारी गांव के एमसीसी उग्रवादियों का बड़ा जत्था घेरकर घरो से खींच खींच के एक जाति विशेष के पुरूषो को बाहर निकाला था। इसमें से 40 लोगो को चुनकर गांव के बाहर ले जाया गया। इन्हें तीन समूहो में वहां बांटकर बारी बारी से गला और पेट चीर दिया गया था। इसमें 36 लोग मारे गए थे। घटना के 17 साल बाद 2016 में जहानाबाद के जिला न्यायालय से 10 आरोपियो को आजीवन कारावास तथा तीन को उम्र कैद की सजा दी थी और एक एक लाख का जुर्माना भी लगाया था।