मोतिहारी। चर्चित आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या के बाद सदमे में चल रहे उनके पुत्र रोहित कुमार 14 वर्ष ने पहले अपने शरीर में आग लगाया फिर तीन मंजिले छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार को हुई घटना के बाद रोहित को एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत शुक्रवार को हो गई। इस घटना से इलाके में आक्रोश है। पुत्र के भी खोने से उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल है।
जानकारी अनुसार रोहित अपने पिता की हत्या को लेकर पुलिसिया कार्रवाई से नाखुश चल रहा था। रोहित के दादा विजय अग्रवाल ने बताया कि वह गुरुवार की सुबह एसपी के पास न्याय की गुहार लगाने गया था और बाकायदा उसने फोन पर सहमति ली थी। लेकिन एसपी ने उससे मिलने के बजाए अपने अधीनस्थ कर्मियों को को भेजा। रोहित एसपी से मिलने की गुहार लगाता रहा। काफी देर तक जवाब नहीं मिलने पर वह सदमे में था ,।फिर वहां से लौटने के बाद रोहित ने अपने घर के सामने एक तीन मंजिले नर्सिंग होम के छत पर चढ़कर पहले प्रशासन के खिलाफ नारे लगाया, फिर केरोसिन छिड़ककर शरीर में आग लगाई और छत से कूद गया। इससे वह पहले हाईटेंशन तार पर गिरा, जिससे पूरी तरह झुलस गया। इस पर परिजनों ने उसे नर्सिंग होम में भर्ती कराया।
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उल्लेखनीय हो कि हरसिद्धि के आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या सरकारी जमीन से दबंगों के कब्जा हटाने को लेकर दिनदहाड़े गोलियों से भून कर कर दिया गया था। घटना गत साल 24 सितंबर को प्रखंड कार्यालय के बाहर निकलने के दौरान हुआ था। पुलिस ने घटना में शामिल सुपारी किलर सहित कई को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वही हत्या में एक दबंग राजनेता के नाम सुर्खियों में आया था, जिसपर कार्रवाई नहीं होने को लेकर दो बार आरटीआई कार्यकर्ता के परिजन सड्क जाम कर आत्महत्या का प्रयास कर चुके थे। साथ ही जिस जमीन के कब्जा हटाने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या की गई उस जमीन से प्रशासन आज तक अतिक्रमण को नहीं हटा सकता। इस बाबत आरटीआई कार्यकर्ता दिवंगत विपिन अग्रवाल के पिता व रोहित के दादा विजय अग्रवाल ने एक वीडियो जारी कर बताया कि एसपी ने परिवार को आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। जबकि हत्या के 5 महीने गुजरने के बाद भी हत्या की साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार करने में पुलिस प्रशासन अक्षम रही।
मालूम हो कि हत्या के पीछे हरसिद्धि बाजार स्थित करोड़ों की सरकारी संपत्ति है। जिस पर दबंगों ने कब्जा कर कई बहुमंजिला इमारत और व्यवसायिक प्रतिष्ठान स्थापित कर लिया है। सूचना के अधिकार कानून के सहारे इसी कुकृत्य का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल ने किया था। जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। अब हत्या में न्याय के लिए उनके पुत्र ने आत्महत्या कर लिया। इस घटना के बाद पूरे जिले में आक्रोश व्याप्त है।