मोतिहारी। जमीनी विवाद में हत्या के मामले में सिविल कोर्ट के दशम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश सिंह की अदालत ने साेमवार को 9 अभियुक्तो को आजीवन कारावास तथा सभी को 40-40 हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि मृतक नंदलाल हाजरा की विधवा या विधिक उत्तराधिकारी को दी जाएगी। सजा पाने वालो में थाना क्षेत्र के नरियारवा टोला निवासी रूपलाल हाजरा, रामनाथ हाजरा, बालदेव हाजरा, रामाधार हाजरा, चुल्हाई हाजरा, सिपाही हाजरा, पुलिस हाजरा, सुदीम हाजरा व ठाकुर हाजरा शामिल है।
तुरकौलिया थाना क्षेत्र में वर्ष 1983 में 17 नवंबर 1983 की सुबह 8 बजे नामजद लोग सूचक के खेत का डरेर तोड़ दिए। जब सूचक इसका विरोध किया तो नामजद लोग हरवे हथियार से मारपीट करने लगे। मारपीट में धारदार हथियार लगने से उसके पुत्र नंदलाल हजरा की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। वहीं सूचक उसका पुत्र शंभू हज़रा, प्रभु हजरा एवं घर की महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसका ईलाज सदर अस्पताल मोतिहारी में किया गया।
मामले में स्थानीय निवासी सखिचंद्र हजरा ने अपने पुत्र नंदलाल हजरा के पीट पीट कर हत्या करने को लेकर नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध तुरकौलिया थाना कांड संख्या-170/1983 दर्ज कराया था। सत्रवाद 11/1986 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक मोहन ठाकुर व सहायक अधिवक्ता श्रीमती कृष्णा सिंह ने 11 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए धारा 323,302,341,149 भादवि में दोषी पाते हुए 38 वर्ष पुराने इस मामले को निष्पादित करते हुए उक्त सजा सुनाए। कारागार में बिताए अवधि का समायोजन सज़ा की अवधि में होगी।