गिरिडीह में एआईएमआईएम के प्रत्याशी रिजवी एवं नूरानी सहित अन्य के खिलाफ़ एफआइआर दर्ज
Giridih: डुमरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसिलमिन (एआईएमआईएम) द्वारा आयोजित सभा में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भाषण के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने को लेकर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है।
इस मामले को लेकर जिले के गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी दीपक कुमार शर्मा ने निर्देश पर वीडियो अवलोकन दल ने भाषण के दौरान रिकॉर्ड वीडियो का अवलोकन किया। इसके बाद यह पाया गया कि भाषण के दौरान दर्शक दीर्घा से पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया गया था। इस संदर्भ में संबंधित उड़नदस्ता दल, डुमरी के द्वारा डुमरी थाना में एआईएमआईएम पार्टी प्रत्याशी अब्दुल मोबिन रिजवी, मुजफ्फर हसन नूरानी एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के सुसंगत धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इस मामले में प्रशासन प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि वीडियो के अवलोकन में यह पाया गया कि यह कृत्य आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और सांप्रदायिक सद्भावना को बिगाड़ने का प्रयास है।डुमरी के थाना प्रभारी पवन कुमार सिंह ने पुष्टि की है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को डुमरी के केबी हाई स्कूल मैदान में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जनसभा को संबोधित किया था। इसी दौरान लोगों के बीच से किसी ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया, जिसके बाद असदुद्दीन ने अपना भाषण बीच में ही रोक कर उसे फटकार लगाई थी।
ओवैसी पर देशद्रोह का मुकदमा चले : संजय सेठ
सांसद संजय ने कहा कि डुमरी उप चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। इस पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओवैसी की सभा में एक विशेष समुदाय के लोग झुंड बनाकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते रहे और ओवैसी मूकदर्शक बने रहे। ओवैसी ने क्यों नहीं उन लड़कों को गिरफ्तार कराया? क्यों नहीं थाने में आपत्ति दर्ज कराई?
सांसद गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड की पुलिस क्या कर रही थी? झारखंड की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की और अभी तक किसी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? यह तुष्टीकरण की राजनीति नहीं चलेगी। यह झारखंड में पहली घटना नहीं है। झारखंड में ऐसे कई घटनाएं घट चुकी है। मुहर्रम के जुलूस में भी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। सरकार ने क्यों एक्शन नहीं लिया?
सेठ ने कहा यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। झारखंड में डेमोग्राफी बदल रही है। बांग्लादेशी घुसपैठ कर रहे हैं। संथाल में बांग्लादेशियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। इसका ही यह परिणाम है। उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि ऐसे लोगों पर नजर रखें और फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर ऐसे लोगों को चिन्हित कर देशद्रोह का मुकदमा चलाकर सजा दिलायें। ऐसे लोगों को भारत में रहने का अधिकार नहीं है, जो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हों।
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