Ranchi News:- छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम मंगलवार को झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी विनय चौबे के घर पहुंची। टीम उन्हें अपने साथ ले गई। विनय चौबे का नाम इस घोटाले में पहले से शामिल है। पूछताछ इसी सिलसिले में की जा रही है। यह मामला उस समय का है जब विनय चौबे झारखंड में उत्पाद विभाग के सचिव थे। उनके कार्यकाल में ही शराब घोटाले की शुरुआत हुई थी।

इससे पहले भी विनय चौबे से पूछताछ हो चुकी है। अप्रैल 2023 में उन्होंने ईडी के रायपुर दफ्तर में बयान दर्ज कराया था। उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। कहा था कि नई उत्पाद नीति सरकार की मंजूरी के बाद लागू की गई थी। इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
छत्तीसगढ़ में हुए इस शराब घोटाले में रायपुर के एक सिंडिकेट पर आरोप है। इस सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम का इस्तेमाल कर झारखंड में शराब की आपूर्ति की। इससे करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ। इस मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर समेत कई लोग आरोपी बनाए गए हैं।
2019 से 2022 के बीच हुए इस घोटाले की जांच झारखंड तक पहुंची। झारखंड के आईएएस विनय चौबे का नाम भी सामने आया। आर्थिक अपराध शाखा ने रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र निवासी विकास सिंह के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया। विकास सिंह ने आरोप लगाया कि अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अन्य ने मिलकर छत्तीसगढ़ सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया। विकास सिंह का यह भी कहना है कि झारखंड में शराब नीति में जो बदलाव हुआ, वह इसी सिंडिकेट में शामिल अधिकारियों के दबाव में किया गया।