कोडरमा । खुद को स्वास्थ्य विभाग का कर्मी बताकर कोडरमा के दो लोगों से खाते में राशि भेजने के नाम पर हुई करीब 71 लाख की ठगी को साइबर अपराधियों का गढ़ बन चुके गिरिडीह के बेंगाबाद के अपराधियों ने अंजाम दिया गया था। इस मामले में कोडरमा पुलिस को गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। पकड़े गए ठग की पहचान विक्की यादव पिता दशरथ यादव के रुप में की गई है। जो गिरिडीह के बेंगाबाद का रहनेवाला है। जबकि गिराेह का सरगना बेंगाबाद निवासी मो. मुस्तकीम है जो अबतक फरार है।
ठगों ने विक्की के खाते में रुपए ट्रांसफर किए थें। बाद में विक्की ने मुस्तकीम को उक्त राशि नगद लौटा दी थी। छानबीन के दौरान पुलिस को विक्की के खाते से लाखों रुपए मुस्तकीम के द्वारा ट्रांसफर किए जाने की जानकारी मिली है। वहीं गिरोह के सरगना की तलाश दूसरे राज्यों की पुलिस भी कर रही है।
गौरतलब हो कि कोडरमा के छतरबर निवासी मसरेज आलम से 37270 व अरशद अंसारी ने 34000 रूपए की ठगी की गई थी। दोनो को फोन कर जननी सुरक्षा योजना की राशि खाते में भेजने के लिए मोबाइल में ऐनी डेस्क एप डाउनलोड करवाया गया। और फिर मोबाइल काे रिमोट पर लेकर दोनो के खाते से पैसे की निकासी कर ली।
थाना प्रभारी राम नारायण ठाकूर ने बताया कि कांड दर्ज होने के बाद तकनीकी टीम की मदद से मोबाईल नंबर को ट्रैस करते हुए विक्की कुमार को गिरफ्तार किया। साईबर ठगों द्वारा पहले पेटीएम खाते में राशि डाली जाती है। जिसके बाद उसे अन्य खाते में ट्रांसफर किया जाता है। पुलिस गिरोह के सरगना की तलाश में जुटी है। सूत्र बताते है कि ठगी की घटना को अंजाम देने के बाद ठग अपने मोबाइल को बंद कर देते है। जिससे उनका लोकेशन पता नही चल पाता है।