धनबाद।
जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद की हुई मौत मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें धक्का मारने वाले ऑटो को गिरिडीह के मुफ्फिसल थाना इलाके के डांडीडीह से बरामद कर लिया है। साथ ही पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें लखन वर्मा उर्फ पिंटू और राहुल वर्मा शामिल है। धनबाद पुलिस दोनों को अपने साथ लेती गई है। हिरासत में लिए गए दोनों पिन्टू और राहुल वर्मा आपस में रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। हालांकि घटना में इन दोनों की कितनी संलिप्तता है अबतक यह स्पस्ट नहीं हो पाया है। मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से कई जिलों की पुलिस जांच में जुटी है.। अलग-अलग पुलिस टीमें मामले में शामिल लोगों की धर-पकड़ के लिये अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है। जज को उड़ाने के लिए जिस ऑटो का प्रयोग हुआ वह पाथरडीह की सुगनी देवी के नाम से है।
मालूम हो कि बुधवार की सुबह मार्निंग वाक पर निकले न्यायाधीश उत्तम आनंद को एक ऑटो ने धक्का मार दिया गया था। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। घटना के बाद शुरुआत में यह महज एक हादसा प्रतीत हो रहा था, लेकिन बाद में घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद धीरे-धीरे स्पष्ट हो रहा है कि जज उत्तम आनंद की मौत महज एक हादसा नहीं बल्कि हत्या की सुनियोजित साजिश है। सीसीटीवी फुटेज से सब साफ जाहिर हो रहा है। शक पैदा होने पर जज के शव का पोस्टमार्टम के लिए डीसी के आदेश पर आनन-फानन में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। डॉक्टरों की टीम ने देश शाम न्यायाधीश के शव का पोस्टमार्टम किया। बताया जा रहा है कि सिर में गंभीर चोट के कारण उनके कान से रक्तश्राव हो गया। ब्रेन हेम्ब्रेज से मौत की बात कही जा रही है। जज को उड़ाने के लिए जिस ऑटो का प्रयोग हुआ वह पाथरडीह की सुगनी देवी की है। सुगनी के अनुसार उसका ऑटो चोरी हो गया।
इधर, जज उत्तम आनंद के परिजन मामले की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं. गुरुवार को उनके हज़ारीबाग शिवपुरी स्थिति आवास पर संवेदना जताने वालों लोगों का तांता लगा हुआ है. इस बीच देर रात जज उत्तम आनंद का पार्थिव शरीर धनबाद से हजारीबाग ले जाया गया. आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।जज उत्तम आनंद कई बहुचर्चित मामलों की सुनवाई कर रहे थे जिनमें रंजय सिंह हत्याकांड भी शामिल है. न्यायाधीश उत्तम आनंद ने तीन दिन पूर्व यू पी के शूटर अमन सिंह के एक शागिर्द की ज़मानत याचिका भी ख़ारिज की थी।