काठमांडू।

राजनीतिक संकट के बीच नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल विस्तार को असंवैधानिक करार दिया है। इससे मंत्रिमंडल के 20 मंत्रियों सहित सरकार को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पद गंवाने वालो में दो उप प्रधानमंत्री जनता समाजवादी पार्टी के राजेंद्र महतो और ओली की सीपीएनयूएमएल के रघुवीर महासेठ भी शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा और जस्टिस प्रकाश कुमार धुंगाना की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सदन को भंग किए जाने के बाद कैबिनेट विस्तार असंवैधानिक है, इसलिए मंत्री अपना कर्तव्य निर्वहन नहीं कर सकते। मालूम हो कि वरिष्ठ वकील दिनेश त्रिपाठी सहित छह व्यक्तियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि चुनाव की घोषणा के बाद सरकार कार्यवाह स्थिति में रह गई है। इसलिए संविधान ऐसे प्रधानमंत्री को नए मंत्रियों की नियुक्ति की इजाजत नहीं देता है।