पटना।
लोजपा की खेमेबाजी का हाई वोल्टेज ड्रामा बुधवार को पटना से लेकर दिल्ली तक चलता रहा। लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान के खिलाफ बगावत खड़ा कर लोकसभा में संसदीय दल के नेता बने पशुपति कुमार पारस और उनके साथ पारस खेमे से बने कार्यकारी अध्यक्ष सूरज भान सिंह एवं सांसद चंदन सिंह पटना पहुंचे। इन सब का पटना एयरपोर्ट पर ढोल नगाड़े के साथ स्वागत किया गया। जबकि पशुपति कुमार पारस ने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया। इस मौके पर सूरजभान सिंह ने कहा कि चिराग को सद्बुद्धि आ जाए तो वह कल ही बैठक में आ जाएंगे। चिराग कि लोजपा अभी भी है बशर्ते वह मान ले कि थोड़े दिन पार्टी का नेतृत्व उनके चाचा पारस करेंगे।
मालूम हो कि गुरुवार को पारस खेमे की तरफ से बुलाई गई लोजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है । ठीक इसके विपरीत पार्टी कार्यालय के बाहर चिराग समर्थकों का हंगामा जारी है। चिराग समर्थकों ने कार्यालय के सामने जमा होकर पशुपति कुमार पारस व अन्य सांसदों के खिलाफ नारे लगाए। यहां तक कि वे हाथ में विरोध स्वरूप काले कपड़े लिए थे।
चिराग पासवान ने दिल्ली में प्रेस को संबोधित करते हुए पशुपति कुमार पारस सहित जदयू पर निशाना साधा। चिराग ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनके चाचा पारस सहित अन्य ने कोई भूमिका अदा नहीं की थी। जबकि मैंने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं कर अकेले चुनाव में जाने का फैसला लिया। और 6% वोट हासिल करने में कामयाब रहा। चिराग ने कहा कि उनके पिता जब बीमारी के दौरान हॉस्पिटल में थे तब से ही पार्टी तोड़ने की साजिश रची गई थी। मैंने अंत तक पार्टी और परिवार को बचाने की कोशिश भी की। पर कामयाब नहीं रहा। उन्होंने कहा कि मुझे लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी है। चिराग ने सीधे तौर पर पार्टी में टूट के लिए जदयू को जिम्मेवार बताया।