पटना।
लोजपा के पांच सांसदो के बागी तेवर के बाद अंतत: सोमवार को पार्टी में बड़ी टूट हो गई। पार्टी के पांच सांसदो पशुपति कुमार पारस, महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज ने दिवंगत राम विलास पासवान के पुत्र व राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सभी पदो से हटा दिया है। इसके अलावा चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुनते हुए उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का भी जिम्मा सौंपा गया है। एलजेपी में चिराग समेत कुल छह सांसद है। सांसद महमूद अली कैसर को उपनेता चुना गया है। इसकी जानकारी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को दे दी गई है।
इस तरह चिराग पासवान का अंतिम दांव भी फेल हो गया है। पार्टी व सांसदो की बैठक के पूर्व चिराग पासवान स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने को तैयार हो गए थें। चाचा पशुपति पारस को मनाने के लिए अपनी मां को भी आगे किया और बात सुलझाने की कोशिश की। पर बात नहीं बनी। इसके पूर्व चिराग सुबह में अपने चाचा सांसद पशुपति कुमार पारस से मिलने उनके घर भी गए पर मुलाकात नहीं हो सकी।
सूत्र बबाते है कि लोजपा में टूट की बड़ी वजह चिराग से उनके अपनो की नाराजगी रही। चिराग के चचेरे भाई सांसद प्रिंस राज उनके प्रदेश अध्यक्ष पद में बंटवारा किए जाने से नाराज थे। जबकि जदयू से बागवत के कारण उनके चाचा सांसद पशुपति कुमार पारस खिन्न थें। इसी तरह चिराग के सबसे करीबी निजी सहायक सौरव पांडेय के अनावश्यक हस्तक्षेप से पार्टी के अन्य नेताओं में असंतोष था। इसका फायदा उठाते हुए जदयू के नेताओं ने लोजपा तोड़ने में अहम भूमिका निभाई। बताया गया कि जदयू के तीन कद्दावर नेता दिल्ली में मौजूद रहकर लोजपा सांसदो पर नजर बनाए हुए है।