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बक्सर।
जिले के चौसा प्रखंड के महादेव घाट स्थित गंगा नदी में तैरती अनगिनत शवों के मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। इलाके के लोग शवों के दुर्गंध से परेशान हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो नदी में तैरती शवों की संख्या लगभग 150 है। लोगों का कहना है कि एक ही जगह पर इतनी बड़ी संख्या में शवों के होने के कारण इसकी दुर्गध काफी दुर तक फैल रही है। है।
स्थानीय पवनी गांव निवासी अनिल कुमार कुशवाहा ने जब इसकी शिकायत चौसा प्रखंड के अंचल राजस्व अधिकारी (सीओ) से की तो उन्होंने घटनास्थल का जायजा लेकर स्थानीय कर्मचारी को साफ-सफाई के नाम पर 500 रुपये देने का आश्वासन दिया। इस आश्वासन के बाद भी सफाई नहीं हुई तो स्थानीय लोगों ने एसडीओ केके उपाध्याय से शिकायत की। केके उपाध्याय ने कहा कि डेढ़ सौ शवों की बात झूठी है। करीब 30-35 शव यूपी से बहकर गंगा नदी के रास्ते बिहार में आए हैं। उनको डिस्पोजल करने का निर्देश दे दिया गया है। कोराना संक्रमण से दहशत में जी रहे ग्रामीणों का कहना है की अगर ये शव कोरोना मरीज है तो इलाके में संक्रमण की गति तेज हो सकती है। वहीं यह भी संभावना जताई जा रही है की कोरोना से मौत के बाद जलाने के लिए लकड़ी नही मिलने के कारण लोग शवों को गंगा नदी में प्रवाहित कर रहे है।
वहीं नदी में तैरते शवों का वीडियो सोशल मीडिया में सामने आनो के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। बिहार में विपक्षी नेताओं ने इसको लेकर सरकार को घेरा है। विपक्ष का आरोप है कि लाशों को बिना बताए डिस्पोज किया जा रहा था, जिसका खुलासा आज हुआ है। वहीं भाजपा प्रवक्ता रामसागर सिंह ने कहा कि विपक्ष इस तरह से अनर्गल आरोप न लगाए। पूरे बिहार में स्थानीय निकाय अच्छी तरह से लाशों का दाह संस्कार करा रही है।
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