नई दिल्ली।
गोवा में निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी राज्य सरकार की ओर से अपने किसी अधिकारी को राज्य निर्वाचन आयुक्त का प्रभार देना संविधान का मजाक है। जस्टिस आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह हैरान करने वाला है कि गोवा के विधि सचिव को राज्य निर्वाचन आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है। जबकि उच्च अधिकारी ने गोवा पंचायत चुनाव कराने संबंधी हाईकोर्ट के फैसले के उलट आदेश देने की कोशिश की है। इस तरह लोकतंत्र में निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 10 दिनों के अंदर राज्य में पंचायत चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने का निर्देश गोवा निर्वाचन आयोग को दिया । इसके अतिरिक्त पंचायत चुनाव की प्रक्रिया 30 अप्रैल तक पूरा करने को भी कहा गया है।