देहरादून।
उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने की आपदा के बाद मलबे में फंसे लोगों के ढूंढने का जद्दोजहद सोमवार को भी जारी रहा। रेस्क्यू अभियान में 14 लोगों का शव अब तक बरामद किए गए हैं, जबकि 15 की जिंदगी बचा ली गई है। मालूम हो कि रविवार को ग्लेशियर टूटने की आपदा हुई है। हालांकि अभी भी लगभग 170 लोगों के लापता रहने की बात कही जा रही है। एनडीआरएफ के सेनानायक नवनीत भुल्लर ने बताया कि तपोवन टनल में फंसे लोगों को बचाने का कार्य तेज कर दिया गया है। टनल में जेसीबी मशीन के सहारे ब्लॉक हुए रास्ते को खोलने का प्रयास चल रहा है। उन्होंने कहा की टनल में करीब 50 लोगों के फंसे होने की संभावना जताई।
राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि बड़ी टनल करीब 250 मीटर लंबी है, जिसे क्लियर करने पर फोकस है। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीटी, सेना और एयरफोर्स बचाव कार्य में लगे हैं। हादसे में तपोवन बैराज पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। 15 किलोमीटर के दायरे में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। जबकि आईटीबीपी के पीआरओ विवेक कुमार पांडे ने कहा कि उनका पूरा फोकस में फंसे लोगों को जिंदा बचाने की है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना के दिन प्रभावित इलाके का एरियल सर्वे किया था। जबकि सोमवार को वे रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे थें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। जबकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, सांसद तीरथ सिंह रावत सहित राज्य के मंत्री विधायक प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया है। जिला प्रशासन प्रभावित गांव में राशन ,मेडिकल सुविधा व जरूरी सामग्री पहुंचाने में जुटा है। वहीं राज्य सरकार ने जान गवाने वाले परिवारों को चार चार लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतक के आश्रितों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50- 50 की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।