नई दिल्ली।
संसद के केंद्रीय कक्ष में शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए उपद्रव पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें अभिव्यक्ति की आजादी के साथ कानून व नियम का गंभीरता से पालन करना चाहिए। राष्ट्रपति ने पारित कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि कृषि सुधारों के जरिए किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ अधिकार भी दिए गए हैं। व्यापक विमर्श के बाद संसद ने इस संबंध में विधेयक पारित किए।
कृषि सुधारों का लाभ तत्काल छोटे किसानों को मिलना शुरू भी हुआ। अनेक राजनीतिक दलों ने भी इन सुधारों को भरपूर समर्थन दिया था। पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में इन कानूनों पर अमल स्थगित है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते 6 वर्ष में बीज से लेकर बाजार तक सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है। एमएसपी पर रिकॉर्ड अनाज की खरीद हो रही है। माइक्रो इरिगेशन 45 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 56 लाख हैक्टेयर हो चुकी है। सब्जी और फलों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। सरकार की प्राथमिकताओं में छोटे सीमांत किसान हैं। किसान सम्मान निधि के जरिए उनके खातों में एक लाख 13 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रूपए के फंड की शुरुआत की गई है। 100 से ज्यादा किसान रेल चलाई गई हैं। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को 20 लाख सोलर पंप दिए गए हैं। गन्ने के सिरे मक्का धान से एथनॉल के उत्पादन को बढ़ावा दिया गया है।